केरल में बाढ़ पीड़ितों का इलाज करते हुए सीमा सुरक्षा बल के डॉक्टर.
नई दिल्ली:
केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सीमा सुरक्षा बल अहम भूमिका निभा रहा है. एक तरफ फोर्स राहत व खाद्य सामग्री तो बांट ही रहा है वहीं दूसरी ओर ज़्यादा से ज़्यादा पीने योग्य पानी की आसानी से मुहैया कराने में जुटा है. बल के कर्मी फ्री मेडीकल चेकअप, सड़कों की मरम्मत, मृत पशुओं को दफनाने आदि के कार्यों में जुटे हैं.
सीमा सुरक्षा बल के चीफ मेडीकल ऑफीसर कमांडेंट डॉ प्रकाश स्वामीनाथन और उनकी टीम द्वारा, महामारी फैलने के खतरे को भांपते हुए निःशुल्क दवाई वितरण व मेडीकल कैंप लगाकर घायलों की हरसंभव मदद की जा रही है.
यह भी पढ़ें : NDMA ने कहा, केरल में बाढ़ पीड़ितों को रोज़गार जल्द उपलब्ध कराने की जरूरत
जिला पथनमथिटा के सर्वाधिक बाढ़ग्रस्त इलाके ‘निरानम’ में मेडीकल कैंप के दौरान 250 से अधिक लोगों का निशुल्क मेडीकल चेकअप कर दवाईयां वितरित की गई हैं. इसके अलावा थिरूवला में भी मेडीकल टीम द्वारा कैंप लगाकर जरूरतमंदों की मदद की जा रही है.
ज़्यादातर लोगों में ‘पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रैस’ नामक बीमारी के लक्षण देखे जा रहे हैं. इसको ध्यान में रखते हुए पीड़ितों का हौसला बढ़ाने व उनको मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए जरूरी सलाह दी जा रही है.
VIDEO : अब पुनर्वास की चुनौती
बल के जवान जर्जर हो चुकी सड़कों की मरम्मत करने व लोगों के पुर्नवास में भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. वहीं बल द्वारा एक 40 सदस्यीय टीम भी गठित की गई है जो लगातार मृत पशुओं के शरीर का उचित प्रबंधन कर उनका निस्तारण कर रही है ताकि महामारी को फैलने से रोका जा सके. इसके अलावा बल स्थानीय प्रशासन से भी लगातार संपर्क बनाए हुए है.
सीमा सुरक्षा बल के चीफ मेडीकल ऑफीसर कमांडेंट डॉ प्रकाश स्वामीनाथन और उनकी टीम द्वारा, महामारी फैलने के खतरे को भांपते हुए निःशुल्क दवाई वितरण व मेडीकल कैंप लगाकर घायलों की हरसंभव मदद की जा रही है.
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जिला पथनमथिटा के सर्वाधिक बाढ़ग्रस्त इलाके ‘निरानम’ में मेडीकल कैंप के दौरान 250 से अधिक लोगों का निशुल्क मेडीकल चेकअप कर दवाईयां वितरित की गई हैं. इसके अलावा थिरूवला में भी मेडीकल टीम द्वारा कैंप लगाकर जरूरतमंदों की मदद की जा रही है.
ज़्यादातर लोगों में ‘पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रैस’ नामक बीमारी के लक्षण देखे जा रहे हैं. इसको ध्यान में रखते हुए पीड़ितों का हौसला बढ़ाने व उनको मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए जरूरी सलाह दी जा रही है.
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बल के जवान जर्जर हो चुकी सड़कों की मरम्मत करने व लोगों के पुर्नवास में भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. वहीं बल द्वारा एक 40 सदस्यीय टीम भी गठित की गई है जो लगातार मृत पशुओं के शरीर का उचित प्रबंधन कर उनका निस्तारण कर रही है ताकि महामारी को फैलने से रोका जा सके. इसके अलावा बल स्थानीय प्रशासन से भी लगातार संपर्क बनाए हुए है.
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