बाढ़ की फाइल तस्वीर
लखीमपुर खीरी,:
पहाड़ों पर हुई मूसला धार बरसात से पीलीभीत जनपद सहित समूचे तराई क्षेत्र की नदियां उफान पर हैं, बिना वर्षा के ही तराई की सभी नदियां खतरे से ऊपर बहती हुई पलिया-निघासन व फूलबेहड़ तथा धौरहरा तहसील में बाढ़ की भयावहा स्थित उत्पन्न कर रही है. शासन-प्रशासन की तरफ से बाढ़ से निपटने के लिये न तो कोई पुख्ता इंतजाम ही किए गए हैं न ही कोई संसाधनों की व्यवस्था है. यहां तक कि किसी अधिकारी और कर्मचारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में दौरा और मुआइना करने की भी जहमत तक नहीं की. इधर कई दिनों से क्षेत्र की शारदा, सुहेली, नकौआ, जौरहा, नेपाल की नकौआ, मोहाना, कणार्ली, सरयू व घाघरा नदियां ओवर-फ्लो होकर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे पूरे तराई क्षेत्र में भयावह स्थित उत्पन्न हो रही है.
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नदियों के उफान से जिले की चार तहसीलों के लगभग पांच दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हैं. साथ ही दुधवा नेशनल पार्क के निचले इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं जिससे जंगली जीव जन्तुओं के सामने भी समस्या उत्पन्न हो गई है और यही कारण है कि जंगली जानवर जंगलों से बाहर निकल कर आबादी वाले क्षेत्रों में हिंसक जीव भोजन की तलाश में मानव के साथ संघर्ष करने को विवश है.
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पलिया तहसील के मरौचा, श्रीनगर, ढखिया, रामनगर, दम्बलटाडा, शान्तीनगर घोला, सुमेरनगर, पटिहन, नयापुरवा, खालेपुरवा, लिया कर पुरवा, भगवंत नगर, चैखडा फार्म के आबादी वाले क्षेत्र में जल भराव ग्रामीणों के लिए बड़ी समस्या है. निघासन-तिकोनिया क्षेत्र में मोहाना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का पानी कई गांवो में घुस कर भीषण समस्या कर रहा है.
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पहाड़ों पर बरसात के चलते पहाड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ने से मोहाना व करनाली नदियों में जलस्तर बढ़ने से तिकुनिया व कौड़ियाला घाट के बीच बने रपटा पुल के ऊपर बाढ़ का पानी बह रहा है. भारत नेपाल सीमा के अंतर्गत बह रही नदियों से दोनों देशों का आवागमन भी ठप हो गया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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