Flashback2018: साल 2018 का समापन होने वाला है. इस साल कई हादसे और प्राकृतिक आपदाओं ने देश को हिलाकर रख दिया. साल 2018 में प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं के कारण सैकड़ों लोग काल के गाल में समा गए. सबसे बड़ी आपदा केरल में आई, जहां बाढ़ की त्रासदी से करीब 500 लोगों की मौत हो गई, वहीं हजारों लोग बेघर हो गए. सबसे बड़ी दुर्घटना की बात करें तो अमृतसर में दशहरे के दिन हुए ट्रेन हादसे में 61 लोगों की मौत ने पूरे देश को सन्न कर दिया. इसके अलावा यूपी और राजस्थान में तूफान की वजह से भी 100 से अधिक लोगों ने जान गंवाई. तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में हुए बस हादसों ने भी देश का ध्यान खींचा. तेलंगाना में हुए बस हादसे में 57 लोगों की मौत हो गई, वहीं, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नूरपुर में स्कूली बस 200 फीट गहरी खाई में गिर गई, जिससे 27 बच्चों समेत 30 लोगों की जान चली गई. इन हादसों और आपदाओं ने पूरे देश को गमगीन कर दिया.
1. केरल में बाढ़ से तबाही, करीब 500 लोगों ने गंवाई जान
केरल में बारिश व बाढ़ की विभीषिका में 483 लोगों की मौत हो गई. वहीं, लाखों लोग बेघर हो गए. केरल में यह सदी की सबसे भयावह बाढ़ थी. अगस्त 2018 में मॉनसून के दौरान अत्यधिक वर्षा के कारण केरल को बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ी. बाढ़ की वजह से लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा. राज्य के सभी 14 जिलों को हाईअलर्ट पर रखा गया था. केरल सरकार के अनुसार राज्य की 1/6 जनसंख्या बाढ़ से सीधे तौर पर प्रभावित हुई. केंद्र सरकार ने इस त्रासदी को स्तर तीन की आपदा घोषित किया. पीएम नरेंद्र मोदी ने केरल सरकार को 500 करोड़ रुपये की अंतरिम मदद की घोषणा की. इसके अलावा सभी राज्यों ने केरल को मदद की. सभी राज्यों की मदद को मिलाकर देखें तो कुल 211 करोड़ रुपये की मदद केरल को मिली. धीरे-धीरे वहां जिंदगी पटरी पर लौटी.
2. अमृतसर: रावण दहन के दौरान हुए रेल हादसे ने खुशी को मातम में बदल दिया
पंजाब के अमृतसर में दशहरे के दिन रावण दहन के दौरान एक रेल हादसे ने खुशी के पल को मातम में बदल दिया. अमृतसर में जोड़ा फाटक के पास रावन दहन के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से 61 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए. दरअसल, अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास दशहरा (dussehra 2018) के मौके पर रावण दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी. लोग रेल की पटरियों पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे, तभी अचानक तेज रफ्तार में ट्रेन आई और लोगों को कुचलती चली गई. ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी यह हादसा हुआ. बता दें कि मामले में रेलवे को क्लीनचिट भी मिल गई है. रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (सीसीआरएस) ने रेलवे को क्लीनचिट दे दी है. रेलवे के जांच अधिकारी ने हादसे के लिए दशहरा समारोह देखने के मकसद से रेलवे पटरियों पर खड़े लोगों की लापरवाही को जिम्मेदार बताया.
3. तबाही की आंधी से राजस्थान, यूपी में 125 की मौत
मई महीन में उत्तर प्रदेश और राजस्थान में आये तूफान से 125 लोगों की मौत हो गई और करीब 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए. करीब 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चले तूफान ने जमकर तबाही मचाई. तूफान की वजह से तमाम घर, पेड़, बिजली के खंबे, मोबाइल के टावर उखड़ गए थे. कई जगहों पर बिजली गिरने से आग तक लगी थी. वहीं, सैकड़ों की तादाद में मवेशी भी मारे गए थे. तूफान का असर उत्तर प्रदेश से सटे कई राज्यों में भी देखने को मिला. इस दौरान ज़्यादातर लोगों की मौत छत गिरने या मिट्टी के मकान गिरने की वजह से हुई है.
4. तेलंगाना में खाई में गिरी बस 57 लोगों की मौत
सितंबर महीने में तेलंगाना में एक दर्दनाक हादसा हुआ. तेलंगाना स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की एक बस खाई में गिर गई, जिससे 6 बच्चे समते 57 यात्रियों की मौत हो गई. बस कोंडागट्टू से जगतियाल के रास्ते में थी. इसी दौरान यह हादसा हुआ. बस का ब्रेक फेल होने की वजह से यह भयानक हादसा हुआ था. बस में 70 से ज्यादा यात्री सवार थे. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी. इस हादसे के बारे में कहाजा रहा है कि ये तेलंगाना में हुए अबतक का सबसे बड़ा सडक हादसा है. साथ ही भारत के सड़क दुर्घटनाओं में से एक है.
5. हिमाचल प्रदेश: कांगड़ा स्कूल बस हादसे में 27 बच्चों की मौत
अप्रैल महीन में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नूरपुर में एक निजी स्कूल की बस अनियंत्रित होकर 200 फीट गहरी खाई में गिर गई. इसमें 27 बच्चों समेत 30 लोगों की मौत हो गई. स्कूल बस वजीर राम सिंह पठानिया मेमोरियल पब्लिक स्कूल की थी. बच्चे स्कूल की बस से घर जा रहे थे. ज्यादातर बच्चे कक्षा पांच और इससे छोटी कक्षा के थे. इसी दौरान उनकी बस नूरपुर-चंबा मार्ग पर गुरचल गांव के निकट एक खाई में गिर गई थी.
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