नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के सांबा में पिछले वर्ष अनुशासनहीनता के एक मामले में सेना के पांच जवानों को बर्खास्त कर दिया गया, जबकि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने एक यूनिट के कमांडिंग आफिसर सहित 55 अन्य सैन्य कर्मियों के खिलाफ अन्य कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
यह मामला सांबा में पिछले वर्ष 16 सशस्त्र इकाई से संबद्ध है, जिसमें आठ अगस्त को एक जवान की आत्महत्या की घटना के बाद अधिकारियों और जवानों के बीच टकराव हुआ था।
सांबा अनुशासनहीनता मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के बाद पांच जवानों को सेना से प्रशासनिक बर्खास्तगी की सिफारिश की गई है। इसके अंतर्गत सेना के जवानों को कोर्ट मार्शल का सामना किए बिना तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है।
सेना सूत्रों ने कहा कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की सिफारिशों पर उच्च अधिकारी विचार कर इनकी पुष्टि करेंगे।
एक ब्रिगेडियर के नेतृत्व में हुई कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में सात अन्य सैन्यकर्मियों के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही की सिफारिश की गई है। इनमें चार जूनियर कमीशंड अधिकारी, तीन जवान शामिल हैं। अनुशासनात्मक कार्रवाई में कर्मियों को कोर्ट मार्शल का सामना करना होता है।
सूत्रों ने बताया कि कमांडिंग आफिसर, तीन अन्य अधिकारियों और इकाई के पांच जवानों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने पूरे घटनाक्रम में उनकी भूमिका को देखते हुए 39 जवानों को स्थायी तौर पर इकाई से बाहर तैनात करने की सिफारिश की है।
यह मामला सांबा में पिछले वर्ष 16 सशस्त्र इकाई से संबद्ध है, जिसमें आठ अगस्त को एक जवान की आत्महत्या की घटना के बाद अधिकारियों और जवानों के बीच टकराव हुआ था।
सांबा अनुशासनहीनता मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के बाद पांच जवानों को सेना से प्रशासनिक बर्खास्तगी की सिफारिश की गई है। इसके अंतर्गत सेना के जवानों को कोर्ट मार्शल का सामना किए बिना तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है।
सेना सूत्रों ने कहा कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की सिफारिशों पर उच्च अधिकारी विचार कर इनकी पुष्टि करेंगे।
एक ब्रिगेडियर के नेतृत्व में हुई कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में सात अन्य सैन्यकर्मियों के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही की सिफारिश की गई है। इनमें चार जूनियर कमीशंड अधिकारी, तीन जवान शामिल हैं। अनुशासनात्मक कार्रवाई में कर्मियों को कोर्ट मार्शल का सामना करना होता है।
सूत्रों ने बताया कि कमांडिंग आफिसर, तीन अन्य अधिकारियों और इकाई के पांच जवानों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने पूरे घटनाक्रम में उनकी भूमिका को देखते हुए 39 जवानों को स्थायी तौर पर इकाई से बाहर तैनात करने की सिफारिश की है।
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