बेंगलुरु:
उत्तर कर्नाटक के गुलबर्गा के पास यादगीर ज़िले के शिवनूर गांव में अचानक दहशत फैल गयी जब कुछ मगरमच्छ खेत में घूमते नज़र आये। पहले से ही इस गांव से गुज़रने वाली कृष्णा नदी में पानी की कमी की वजह से बड़ी तादाद में मछलियां इसके किनारों पर मरी मिली थीं और अब मगरमच्छ।
कुछ वीडियो इन मगरमछों के सामने आये हैं। अगर ये सही हैं तो तस्वीरें विचलित करने वाली हैं। एक शॉट में कुछ लोग मगरमच्छ को पत्थर मारते नज़र आ रहे हैं तो वहीं दूसरे शॉट में एक दूसरा मगरमच्छ अधमरा सा दिख रहा है जिसके पीठ पर कई बार एक शख्स उछलता है जिससे मगरमच्छ दर्द से कराह उठता है। उसका आधा सिर कुचला हुआ दिख रहा है। हमें जो जानकारी मिली उसके मुताबिक 2 मगरमच्छों की मौत हो गयी। उन्हें डर कर या तो गांव वालों में मार दिया या फिर भूख प्यास और घायल होने की वजह से वो खुद मर गए।
इस सिलसिले में जब एनडीटीवी ने यादगीर ज़िले के कलेक्टर मनोज जैन से बात की तो उनका कहना था की मगरमच्छ की मौजूदगी की खबर उन्हें मिली थी और उन्होंने सोमवार को ज़िम्मेदार अधिकारियों को वहां भेज था। उन्हें किसी मगरमच्छ की मौत की खबर नहीं है।
जब हमने वन्य प्राणी एवम जीवजन्तु संरक्षण विभाग के सम्बंधित अधिकारी से बात की तो उसने जानकारी दी कि सभी मगरमच्छ ज़िंदा थे और उनकी सेहत अच्छी थी, इसलिए इन सभी को नारायणपुर डैम में वापस छोड़ दिया गया।
हालांकि तस्वीरों से साफ लगता है कि ये मगरमच्छ या तो मर चुके थे या फिर जो हालात इनके दिख रहे थे उसमें इनका बचना मुश्किल लग रहा था। नदी के किनारे बड़ी तादाद में मछलियां भी मरी हुई दिख रही हैं।
कुछ वीडियो इन मगरमछों के सामने आये हैं। अगर ये सही हैं तो तस्वीरें विचलित करने वाली हैं। एक शॉट में कुछ लोग मगरमच्छ को पत्थर मारते नज़र आ रहे हैं तो वहीं दूसरे शॉट में एक दूसरा मगरमच्छ अधमरा सा दिख रहा है जिसके पीठ पर कई बार एक शख्स उछलता है जिससे मगरमच्छ दर्द से कराह उठता है। उसका आधा सिर कुचला हुआ दिख रहा है। हमें जो जानकारी मिली उसके मुताबिक 2 मगरमच्छों की मौत हो गयी। उन्हें डर कर या तो गांव वालों में मार दिया या फिर भूख प्यास और घायल होने की वजह से वो खुद मर गए।
इस सिलसिले में जब एनडीटीवी ने यादगीर ज़िले के कलेक्टर मनोज जैन से बात की तो उनका कहना था की मगरमच्छ की मौजूदगी की खबर उन्हें मिली थी और उन्होंने सोमवार को ज़िम्मेदार अधिकारियों को वहां भेज था। उन्हें किसी मगरमच्छ की मौत की खबर नहीं है।
जब हमने वन्य प्राणी एवम जीवजन्तु संरक्षण विभाग के सम्बंधित अधिकारी से बात की तो उसने जानकारी दी कि सभी मगरमच्छ ज़िंदा थे और उनकी सेहत अच्छी थी, इसलिए इन सभी को नारायणपुर डैम में वापस छोड़ दिया गया।
हालांकि तस्वीरों से साफ लगता है कि ये मगरमच्छ या तो मर चुके थे या फिर जो हालात इनके दिख रहे थे उसमें इनका बचना मुश्किल लग रहा था। नदी के किनारे बड़ी तादाद में मछलियां भी मरी हुई दिख रही हैं।
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