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This Article is From May 28, 2020

पीएम के संसदीय क्षेत्र का लंगड़ा और दशहरी आम निकला दुबई के सफर पर, लंदन भेजने की भी है तैयारी..

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने राजातालाब भिखारीपुर गांव स्थित बगीचे से तीन टन बनारसी लंगड़ा एवं दशहरी आम के पहले खेप को हरी झंडी दिखाकर दुबई के लिए रवाना किया. इस अवसर पर उन्होंने बताया कि वाराणसी का लंगड़ा एवं दशहरी आम विश्व प्रसिद्ध है. इसकी विदेशों में बराबर मांग रहती है.

पीएम के संसदीय क्षेत्र का लंगड़ा और दशहरी आम निकला दुबई के सफर पर, लंदन भेजने की भी है तैयारी..
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बनारसी लंगड़ा एवं दशहरी आम के खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया
नई दिल्ली:

बाबा विश्‍वनाथ की नगरी बनारस के लिए गुरुवार को दिन कुछ खास रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव जयापुर की जया सीड्स प्रोडूसर कंपनी द्वारा राजा तालाब भिखारीपुर गांव स्थित बगीचे से बनारस का विश्व प्रसिद्ध लंगड़ा एवं दशहरी आम पहली बार सात समुंदर पार दुबई की यात्रा पर निकला. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने राजातालाब भिखारीपुर गांव स्थित बगीचे से तीन टन बनारसी लंगड़ा एवं दशहरी आम के पहले खेप को हरी झंडी दिखाकर दुबई के लिए रवाना किया. इस अवसर पर उन्होंने बताया कि वाराणसी का लंगड़ा एवं दशहरी आम विश्व प्रसिद्ध है. इसकी विदेशों में बराबर मांग रहती है.

उन्होंने बताया कि विगत दिनों वाराणसी से दुबई के लिए सब्जी एवं गाजीपुर की हरी मिर्च निर्यात किया गया था, तभी से वहां से बराबर फोन पर यहां के लंगड़ा एवं दशहरी आम की मांग की जा रही थी और वाराणसी के लिए आज वास्तव में सुखद एवं अविस्मरणीय दिन है कि 3 टन लंगड़ा एवं दशहरी आम का पहला खेप दुबई भेजा गया.

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वाराणसी का लंगड़ा एवं दशहरी आम विश्व प्रसिद्ध है


 उन्होंने बताया कि शीघ्र ही यहां का लंगड़ा एवं दशहरी आम को लंदन भी भेजा जाएगा. उन्होंने मौके पर मौजूद आम के किसान एवं बगीचे के मालिक शार्दुल विक्रम चौधरी को बधाई देते हुए बनारस के लिए आम का स्पेशल ब्रांड तैयार किये जाने पर जोर दिया. कमिश्नर ने बताया कि यहां से आम की खेप सीधे लखनऊ जाएगी और वहां पर इसका पैकेजिंग आदि कार्य संपन्न होने के बाद दिल्ली जाकर वहां से हवाई मार्ग द्वारा दुबई भेजा जाएगा. उन्‍होंने कहा कि बनारस मैंगो हब बनेगा और जल्‍द ही वाराणसी से 10 टन आम का दूसरा खेप भी भेजे जाने की तैयारी है. आम के किसान एवं बगीचे के मालिक शार्दुल विक्रम चौधरी ने बताया कि 45 हेक्टेयर में उनका यह बगीचा है, जिसमें वर्तमान में आम के 525 पेड़ हैं. इसमें चौसा, रामखेड़ा, लंगड़ा, दशहरी एवं सफेदा आदि प्रजाति के आम के पेड़ हैं.

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