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This Article is From Sep 11, 2019

ऑटो सेक्टर में मंदी के लिए वित्त मंत्री ने युवाओं को ठहराया जिम्मेदार, तो Twitter पर आया ऐसा रिएक्शन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा ऑटो सेक्टर में मंदी के पीछे युवाओं की सोच में बदलाव को जिम्मेदार ठहराने के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा.

ऑटो सेक्टर में मंदी के लिए वित्त मंत्री ने युवाओं को ठहराया जिम्मेदार, तो Twitter पर आया ऐसा रिएक्शन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा ऑटो सेक्टर में मंदी के पीछे युवाओं की सोच में बदलाव को जिम्मेदार ठहराने के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा. खासकर ट्वीटर पर लोगों ने वित्तमंत्री को टैग करते हुए "#BoycottMillennials" हैशटैग के साथ तमाम व्यंगात्मक ट्वीट किये. यह हैशटैग ट्वीटर के टॉप ट्रेंडिंग में शामिल रहा. दरअसल, मंगलवार को निर्मला सीतारमण ने कहा था कि  वाहन क्षेत्र में नरमी के कारणों में युवाओं की सोच में बदलाव भी है. लोग अब खुद का वाहन खरीदकर मासिक किस्त देने के बजाए ओला और उबर जैसी आनलाइन टैक्सी सेवा प्रदाताओं के जरिये वाहनों की बुकिंग को तरजीह दे रहे हैं.

सीतारमण ने कहा कि दो साल पहले तक वाहन उद्योग के लिये अच्छा समय था. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, कि निश्चित रूप से उस समय वाहन क्षेत्र के उच्च वृद्धि का दौर था. मंत्री ने कहा कि क्षेत्र कई चीजों से प्रभावित है जिसमें भारत चरण-6 मानकों, पंजीकरण संबंधित बातें तथा सोच में बदलाव शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कुछ अध्ययन बताते हैं कि गाड़ियों को लेकर युवाओं की सोच बदली है. वे स्वयं का वाहन खरीदकर मासिक किस्त देने के बजाए ओला, उबर या मेट्रो (ट्रेन) सेवाओं को पसंद कर रहे हैं.

सीतारमण ने कहा, ‘‘अत: कोई एक कारण नहीं है जो वाहन क्षेत्र को प्रभावित कर रहे हैं. हमारी उस पर नजर है. हम उसके समाधान का प्रयास करेंगे.'' भारत चरण-6 उत्सर्जन मानक एक अप्रैल 2020 से प्रभाव में आएगा. फिलहाल वाहन कंपनियां भारत चरण-4 मानकों का पालन कर रही हैं. 

बता दें कि इससे पहले  वित्त मंत्री ने कहा था कि उद्योग जगत और ऑटो सेक्टर अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए जिस टैक्स कटौती की मांग कर रहे हैं, वह वित्त मंत्रालय से संभव नहीं है. यह काम जीएसटी काउंसिल करेगी. ये निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जहां तक जीएसटी का सवाल है, इस पर जीएसटी को विचार करना है, जवाब देना है या फ़ैसला करना है. कोलकाता में टैक्स अधिकारियों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री ने साफ़ कर दिया कि टैक्सों में कटौती पर फ़ैसला जीएसटी काउंसिल को करना है. 

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि वे वित्त मंत्री से अनुरोध करेंगे कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में कुछ समय के लिए जीएसटी कम कर दें. वैसे वित्त मंत्री को भी अंदाज़ा नहीं है कि अर्थव्यवस्था में सुधार कब तक आएगा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'मैं इस बारे में अनुमान नहीं लगाने जा रही. हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि हर क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करें.

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