मराठा आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई 27 जुलाई से

Maratha Reservation: सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र में नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में 12 फीसदी मराठा आरक्षण के मामले पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए तीन दिन तक लगातार सुनवाई करेगा

मराठा आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई 27 जुलाई से

सुप्रीम कोर्ट.

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र (Maharashtra) में नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश में 12 फीसदी मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) के मामले पर 27 जुलाई से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अंतिम सुनवाई शुरू करेगा. अदालत ने कहा कि यह सुनवाई डे-टू-डे होगी और तीन दिनों तक चलेगी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस पर कोई अंतरिम आदेश भी जारी करने से इनकार किया है. इस तरह अभी मराठा आरक्षण पर कोई रोक नहीं है. 

सुप्रीम कोर्ट को तय करना था कि इस साल के लिए महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण दिया जाए या नहीं?  मराठा आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर खुली अदालत में शारीरिक रूप से सुनवाई होगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट को खुली अदालत में इस पहलू को सुनने के साथ-साथ इस साल मराठा कोटा लागू करने पर अंतरिम राहत के लिए याचिका पर सुनवाई कर अंतरिम आदेश जारी करना था. 

मराठा आरक्षण को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि इस मामले को वर्चुअल सुनवाई के जरिए सुना नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह इस मामले में रोजाना सुनवाई करेगा. अदालत ने कहा कि इस संबंध में वो अगले महीने सुनवाई की तारीख तय करेगी. कोर्ट ने पक्षकारों से कहा कि वे इस संबंध में अपनी लिखित दलीलें व बहस की समय सीमा दाखिल करें.अदालत ने कहा कि सभी कॉन्फ्रेंस कर तय करें. अदालत किसी सोमवार से सुनवाई शुरू करके पूरे हफ्ते सुनवाई कर सकती है. 

पिछली सुनवाई में महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी. मराठा आरक्षण पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया था. सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि रोक का अंतरिम आदेश जारी नहीं करेंगे.  

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

दअरसल महाराष्ट्र में शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय को प्रदान किए गए 16 फीसदी आरक्षण को बरकरार रखने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. याचिका में कहा गया है कि संविधान पीठ द्वारा तय आरक्षण पर 50% कैप का उल्लंघन हुआ है.