नई दिल्ली:
सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब के वकील का शुल्क 14.5 लाख रुपये मुम्बई हमले में शहीद रहे सुरक्षाकर्मियों के संबंधियों को दिया जाए। कसाब के वकील ने शुल्क लेने से इनकार किया है।
यह राशि शहीद सुरक्षाकर्मियों के परिवारों को समान अनुपात में बांटा जाएगा। मुम्बई आतंकवादी हमले में 166 लोग मारे गए थे। कसाब इस हमले का एक मात्र जीवित पकड़ा गया आतंकवादी था।
कसाब को मृत्युदंड के खिलाफ अदालत में याचिका लगाने में मदद करने वाले वकील राजू रामचंद्रन और गौरव अग्रवाल ने कहा था कि वे अपनी सेवा के लिए 14.5 लाख रुपये का शुल्क नहीं लेना चाहते हैं।
उन्होंने सलाह दी थी कि यह राशि नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी या महाराष्ट्र स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को दिया जा सकता है।
न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की पीठ ने वकीलों के फैसले की सराहना करते हुए निर्देश दिया कि 14.5 लाख रुपये की राशि शहीद सुरक्षाकर्मियों के परिवारों को वितरित की जाए।
यह राशि शहीद सुरक्षाकर्मियों के परिवारों को समान अनुपात में बांटा जाएगा। मुम्बई आतंकवादी हमले में 166 लोग मारे गए थे। कसाब इस हमले का एक मात्र जीवित पकड़ा गया आतंकवादी था।
कसाब को मृत्युदंड के खिलाफ अदालत में याचिका लगाने में मदद करने वाले वकील राजू रामचंद्रन और गौरव अग्रवाल ने कहा था कि वे अपनी सेवा के लिए 14.5 लाख रुपये का शुल्क नहीं लेना चाहते हैं।
उन्होंने सलाह दी थी कि यह राशि नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी या महाराष्ट्र स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को दिया जा सकता है।
न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की पीठ ने वकीलों के फैसले की सराहना करते हुए निर्देश दिया कि 14.5 लाख रुपये की राशि शहीद सुरक्षाकर्मियों के परिवारों को वितरित की जाए।
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