फाइल फोटो
नई दिल्ली:
मशहूर इस्लामी शिक्षा संस्थान दारूल-उलूम फिरंगी महल ने एक फतवा जारी कर आईएसआईएस को ग़ैर इस्लामी करार दिया है। फतवे में कहा गया है कि आईएसआईएस के दहशतगर्द कुछ हिंदुस्तानी मुस्लिम नौजवानों को बहका रहे हैं कि आईएसआईएस में शामिल होने के बाद जन्नत मिलेगी। ये झूठ और धोखा है। नौजवान उनके बहकावे में ना आएं।
ये फतवा एक ऐसे वक्त आया है जब कुछ लोग कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे लहराते देखे गए हैं और इस बात का अंदेशा है कि आईएसआईएस की नजर हिंदुस्तानी मुस्लिम नौजवानों पर है। कुछ की आईएसआईएस में भर्ती होने की भी खबरें आई थीं।
मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली का कहना है, 'इस तरह की हरकतों की जाहिर सी बात है कि इस्लाम में कोई जगह नहीं है। और उसमें इस बात की वज़ाहत की गई है कि कुरान में अल्लाह ताला बार-बार फरमाता है कि अल्ला ताला ज़मीन पर फसाद और बिगाड़ पैदा करने वालों को पसंद नहीं करता है।'
आईएसआईएस के आतंकवादी सीरिया और इराक में बहुत बड़े पैमाने पर हिंसा ओर क़त्ल-ए-आम कर रहे हैं। बेशुमार मुसलमानों के सिर क़लम कर चुके हैं। बड़े पैमाने पर दूसरे खयाल के लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं, पुरातत्व महत्व की इमारतों को ध्वस्त कर रहे हैं। महिलाओं को गुलाम बना कर उनकी मंडी दी है, जहां उनसे रेप हो रहे हैं। फतवे में इसकी कड़ी निंदा की गई है।
मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने कहा, 'जिस तरह से औरतों को अपना गुलाम बना रहे हैं, दासियां बना रहे हैं और जबरन ये काम कर रहे हैं(या जबरदस्ती उनको पर्दा करने के लिए मजबूर करते हैं...ये तमाम बातें इस्लमी शरियत के बिल्कुल ही खिलाफ हैं।'
मौलाना का कहना है कि मुस्लिम नौजवानों को आईएसआईएस के लोग यह कह कर गुमराह करते हैं कि उनका साथ देने से उन्हें जन्नत मिलेगी जो कि झूठ है। उन्होंने कहा, 'इस्लामी तालीमात के मुताबिक अल्लाह उस शख्स को जन्नत में जगह देगा जो अल्लाह की इबादत के साथ इंसानियत की भलाई के लिए काम करेगा।'
एक ऐसे वक्त में जब आईएसआईएस के तमाम मुल्कों के नौजवानों को बरगला के दहशतगर्द बना चुका है, ऐसे फतवे लोगों को गुमराह होने से बचा सकते हैं।
ये फतवा एक ऐसे वक्त आया है जब कुछ लोग कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे लहराते देखे गए हैं और इस बात का अंदेशा है कि आईएसआईएस की नजर हिंदुस्तानी मुस्लिम नौजवानों पर है। कुछ की आईएसआईएस में भर्ती होने की भी खबरें आई थीं।
मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली का कहना है, 'इस तरह की हरकतों की जाहिर सी बात है कि इस्लाम में कोई जगह नहीं है। और उसमें इस बात की वज़ाहत की गई है कि कुरान में अल्लाह ताला बार-बार फरमाता है कि अल्ला ताला ज़मीन पर फसाद और बिगाड़ पैदा करने वालों को पसंद नहीं करता है।'
आईएसआईएस के आतंकवादी सीरिया और इराक में बहुत बड़े पैमाने पर हिंसा ओर क़त्ल-ए-आम कर रहे हैं। बेशुमार मुसलमानों के सिर क़लम कर चुके हैं। बड़े पैमाने पर दूसरे खयाल के लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं, पुरातत्व महत्व की इमारतों को ध्वस्त कर रहे हैं। महिलाओं को गुलाम बना कर उनकी मंडी दी है, जहां उनसे रेप हो रहे हैं। फतवे में इसकी कड़ी निंदा की गई है।
मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने कहा, 'जिस तरह से औरतों को अपना गुलाम बना रहे हैं, दासियां बना रहे हैं और जबरन ये काम कर रहे हैं(या जबरदस्ती उनको पर्दा करने के लिए मजबूर करते हैं...ये तमाम बातें इस्लमी शरियत के बिल्कुल ही खिलाफ हैं।'
मौलाना का कहना है कि मुस्लिम नौजवानों को आईएसआईएस के लोग यह कह कर गुमराह करते हैं कि उनका साथ देने से उन्हें जन्नत मिलेगी जो कि झूठ है। उन्होंने कहा, 'इस्लामी तालीमात के मुताबिक अल्लाह उस शख्स को जन्नत में जगह देगा जो अल्लाह की इबादत के साथ इंसानियत की भलाई के लिए काम करेगा।'
एक ऐसे वक्त में जब आईएसआईएस के तमाम मुल्कों के नौजवानों को बरगला के दहशतगर्द बना चुका है, ऐसे फतवे लोगों को गुमराह होने से बचा सकते हैं।
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