विज्ञापन

'केंद्र के पास ये अंतिम मौका', सरकार से वार्त्ता शुरू होने से पहले किसानों की दो टूक; 10 अहम बातें

Farmer's Protest March: तीन नए किसान कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की आज चौथी बार बातचीत होनी है लेकिन उससे पहले किसानों ने सरकार से साफ तौर पर कहा है कि सरकार के पास बातचीत का यह अंतिम मौका है. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द संसद का आपातकालीन सत्र बुलाए और उसमें तीनों नए कृषि कानूनों की जगह नया बिल लाए.

'?????? ?? ??? ?? ????? ????', ????? ?? ???????? ???? ???? ?? ???? ??????? ?? ?? ???; 10 ??? ?????
Farmer's Protest March in Delhi : तीन नए किसान कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की आज चौथी बार बातचीत होनी है.
नई दिल्ली:

Farmer's Protest March: तीन नए किसान कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की आज चौथी बार बातचीत होनी है लेकिन उससे पहले किसानों ने सरकार से साफ तौर पर कहा है कि सरकार के पास बातचीत का यह अंतिम मौका है. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द संसद का आपातकालीन सत्र बुलाए और उसमें तीनों नए कृषि कानूनों की जगह नया बिल लाए. तीनों नए कानूनों को विवादित कानून बताकर किसान सितंबर से ही आंदोलनरत हैं.  इधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की आज किसान आंदोलन पर बातचीत होनी है. 

  1. अपनी रणनीति को चाक-चौबंद करने के लिए दो आंतरिक बैठकों के बाद किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि उनके आंदोलन को केवल पंजाब के किसानों द्वारा चलाए जा रहे विरोध प्रदर्शन न कहे. किसानों ने कहा कि देश भर के किसान "अपनी मांगों के लिए एकजुट" हैं और जब तक "काले" कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा.
  2. किसानों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि यदि तीनों किसान कानूनों को रद्द नहीं किया गया तो वे दिल्‍ली के रास्‍ते ब्‍लॉक कर देंगे. किसानों ने ये भी कहा है कि सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर इन कानूनों को रद्द करे अन्यथा किसान दिल्ली ब्लॉक कर देंगे. उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार पंजाब के किसानों के अलावा पूरे देश के किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाए.
  3. किसानों ने कहा कि केंद्र बातचीत के बहाने मामले को ठंड के मौसम में आगे बढ़ाकर लटकाना चाहता है. किसानों का आरोप है कि यह केंद्र सरकार का "अमानवीय" रुख है. किसानों ने कहा कि ठंड के बावजूद उनका आंदोलन चलता रहेगा. इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान कम से कम तीन किसानों की मौतों दर्ज हुई है. 
  4. प्रदर्शन कर रहे किसानों के नेताओं ने बुधवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर सरकार से नये कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने और किसानों की एकता को भंग करने के लिए "विभाजनकारी एजेंडे में नहीं शामिल होने" की मांग की. आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चो को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने पत्र में कहा है, "हम सरकार से किसान आंदोलन के संबंध में किसी भी विभाजनकारी एजेंडे में शामिल नहीं होने की मांग करते हैं क्योंकि यह आंदोलन इस वक्त अपनी मांगों पर एकजुट है."
  5. पत्र के अनुसार नेताओं ने केंद्र से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि विभिन्न किसान संगठनों एवं उनके गठबंधनों के प्रतिनिधि किसान तय करें न कि सरकार तय करे तथा इस आंदोलन के अगुवा ऑल इंडिया गठबंधन को चर्चा में प्रतिनिधित्व मिले.
  6. पंजाब के मुख्यमंत्री और उनकी कांग्रेस पार्टी किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है और पंजाब विधानसभा ने केंद्र के नये कृषि कानूनों को निष्प्रभावी बनाने के लिए विधेयक भी पारित किये हैं. अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह और उनकी सरकार सभी के सामूहिक हित में केंद्र और किसानों के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार है.
  7. उधर, दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारियों की बढ़ती तादाद के बीच ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करते हुए उत्तर भारत में आठ दिसंबर से परिचालन बंद करने की बुधवार को धमकी दी है. एआईएमटीसी लगभग 95 लाख ट्रक ड्राइवरों और अन्य संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने का दावा करती है.
  8. केंद्र और प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों के बीच बृहस्पतिवार को दूसरे चरण की बातचीत होने से पहले बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक कर नए कृषि कानूनों से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के उपायों पर चर्चा की. तोमर, गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने मंगलवार को किसान नेताओं के साथ बातचीत के दौरान केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व किया था लेकिन उनकी बातचीत विफल रही थी.
  9. ‘दिल्ली चलो' मार्च के तहत किसान अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के चार व्यस्त सीमा मार्गों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इन स्थानों पर पुलिस का भारी बंदोबस्त किया गया है. नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे 35 किसान संगठनों के नेताओं ने सिंघू बोर्डर पर बैठक की जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भाग लिया.
  10. क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र को संसद का विशेष सत्र आहूत करना चाहिए. हम तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे.'' (एजेंसी इनपुट्स के साथ)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
नए आईफोन-16 के लिए लोगों का क्रेज, मुंबई एप्पल स्टोर के बाहर भारी भीड़, VIDEO देखें
'केंद्र के पास ये अंतिम मौका', सरकार से वार्त्ता शुरू होने से पहले किसानों की दो टूक; 10 अहम बातें
VIDEO: बारामूला में जान बचाकर भाग रहा था आतंकवादी, जवानों ने दौड़ा-दौड़ा कर किया ढेर
Next Article
VIDEO: बारामूला में जान बचाकर भाग रहा था आतंकवादी, जवानों ने दौड़ा-दौड़ा कर किया ढेर
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com