किसान नेता राकेश टिकैत का सवाल - पुलिस के दिए रूट पर बैरिकेड थे, दिल्ली जाने का रास्ता खुला था,ये किसका षड्यंत्र था

राकेश टिकैत का कहना है कि लाल किले पर जाने की हमारी कोई योजना नहीं थी और न ही कोई हमारी कोई झंडा फहराने की योजना थी, जिसने झंडा फहराने की कोशिश की उसका इलाज करो. तिरंगे का कोई अपमान नहीं कर सकता.

किसान नेता राकेश टिकैत का सवाल - पुलिस के दिए रूट पर बैरिकेड थे, दिल्ली जाने का रास्ता खुला था,ये किसका षड्यंत्र था

ट्रैक्टर रैली में मचे हंगामे को लेकर राकेश टिकैत नेे पूछा ये सवाल

खास बातें

  • लाल किले पर जाने की हमारी कोई योजना नहीं थी : टिकैत
  • न ही झंडा फहराने की कोई योजना थी
  • साजिश थी, पुलिस और किसानों ने नाकाम की

गणतंत्र दिवस पर किसानों की रैली के बेकाबू हो जाने और आईटीओ, लालकिला और नांगलोई समेत दिल्ली में कई जगहों पर हुई हिंसा को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने बयान दिया है. उनका कहना है कि लाल किले पर जाने की हमारी कोई योजना नहीं थी और न ही कोई हमारी कोई झंडा फहराने की योजना थी, जिसने झंडा फहराने की कोशिश की उसका इलाज करो. तिरंगे का कोई अपमान नहीं कर सकता. धार्मिक झंडा फहराने की कोशिश की. सिख्जिम को भारत से अलग करने की कोशिश की, उसके खिलाफ कार्रवाई करें, ये एक बड़ा षडयंत्र था, जिसे किसानों और पुलिस की सूझबूझ से नाकाम बनाया गया. 5 बजे तक दिल्ली खाली हो चुकी थी. रात को भी हमने पुलिस को कुछ लोगों को सौंपा जिन्होंने पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की थी. उन्हें ये आंदोलन और स्थान छोड़ना पड़ेगा. उनके खिलाफ कार्रवाई करवाएंगे.

साजिश का हो पर्दाफाश

टिकैत ने आगे कहा कि इसकी भी जांच होनी चाहिए कि जो रूट पुलिस ने दिया उस पर बैरिकेड्स होंगे और दिल्ली जाने वाला रास्ता खुला होगा, ये साजिशकिसने रची. दिल्ली में किसानों को किसने जाने दिया, इसकी पूरी जांच होनी चाहिए. जो रास्ता दिया गया था, जिस पर किसान जा रहे थे, उस पर पक्कीबैरिकेटिंग और अपनी फोर्स भी रखोगे और वाटर केनन भी. दिल्ली वाला रास्ता खुला रखोगे, इसका गणितबाज कौन है, हमें तो उससे मिलना है. टिकैत ने येआरोप भी लगाया कि कितने किसानों के ट्रैक्टर तोड़े गए, ये नहीं दिखाया गया. करीब 400 ट्रैक्टर-गाड़ियां तोड़ी गईं.  

वायरल वीडियो पर टिकैत का जवाबलालकिले पर परेड के वायरल वीडियो को लेकर टिकैत ने कहा कि मैंने जो कहा था वो मुझे पता है क्या कहा. आपने क्या कहा. मैंने कहा था कि सरकार औरअधिकारियों के साथ मिलकर एक परेड लालकिले से और वहां तक हम कर लेंगे, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि वहां परेड नहीं हो सकती. तब मैंने रिंग रोड के लिए बोला, वो भी मना हो गया था. उसके बाद ये रूट फाइनल हुआ था.

गाजीपुर बॉर्डर के किसान नेता ने बताई पूरी स्थिति

बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर के किसान नेता ने माना कि कुछ शरारती तत्व ट्रैक्टर परेड में शामिल थे. वीडियो देखकर किसान उनकी निशानदेही कर रहे हैं.  हमसे कुछ गलतियां हुई हैं. आगे से न हो उस कोशिश में जुटे हैं.  भारतीय सिख संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसबीर सिंह विर्क ने बताया कि जो रास्ता दिया गया था, वहां बैरिकेड्स लगे थे. तब कुछ लोगों के मन में आया कि शायद हमें रास्ता ही नहीं देना चाहते, तब दूसरा रास्ता खोलने की कोशिश हुई, लेकिन कल हमने कई नए चेहरे भी देखे. शरारती तत्व जानबूझकर घुसे या घुसाए गए. जो लोग आगे थे, उनके पीछे लोग जाते गए. दिल्ली के बाहर से आए किसानों को रास्ता भी नहीं पता था, लेकिन मंगलवार को लालकिले में झंडा फहराने का मामला था, वह न तो हमारे रूट में था और न हमने ऐसा कुछ प्लान किया था.

जब एक बार बुरे तत्व आगे चले गए, तो मनमर्जी हुई, किसी ने किसी की नहीं सुनी. उसकी हम निंदा करते हैं.  हम खुद वीडियो देख रहे हैं कि मामला कहां से शुरू हुआ और कौन-कौन लोग इसमें शामिल हैं. हम खुद ही शरारती तत्वों को पुलिस को सौंपेंगे. 

आगे ऐसी गलती न हो इस पर कर रहे हैं काम

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गाजीपुर बॉर्डर पर बैठक हुई है कि कल जो घटना हुई है, वो दोबारा न हो. इसी के चलते मंच भी शुरू नहीं हुआ. किसान नेता का कहना है कि कल जो कुछ हुआ, उससे हमें काफी कुछ सीखने को मिला. आगे ऐसी गलती न हो हम बैठक करके रणनीति बना रहे हैं. हमने लोगों को कॉल दी कि हर आदमी ट्रैक्टर समेत यहां पहुंचे, लेकिन सुबह तक ट्रैक्टर आते रहे. हम रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए.  हम अपनी गलतियों को भी सुधारने की कोशिश कर रहे हैं.