केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) से हरियाणा सरकार की सहयोगी पार्टी जजपा भी परेशान है. हरियाणा की जननायक जनता पार्टी (जजपा) अपने कोर वोट बैंक (किसान) को लेकर दबाव महसूस कर रही है. यही वजह है कि पार्टी नेता दिग्विजय चौटाला ने केंद्र से किसानों (Farmers) के साथ तुरंत बात करने का अनुरोध किया है.
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चौटाला ने कहा कि केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह किसानों से तुरंत बातचीत शुरू करे. किसानों के भ्रम और शंकाएं दूर की जानी चाहिए. जजपा नेता ने यह भी गुजारिश की है कि ठंड और कोरोना के चलते मुलाक़ात में देरी न होनी चाहिए. केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को 3 दिसंबर को बातचीत का न्योता दिया है.चौटाला ने कहा कि किसान नेताओं से मुलाक़ात 3 दिसंबर की बजाय तुरंत ही की जाए. इतने दिन किसानों को रोक कर न रखा जाए. साथ ही कृषि कानूनों और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर किसानों की शंकाओं और भ्रम को मंत्री स्तर की वार्ता से दूर किया जाना जरूरी है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों को लेकर पंजाब के किसानों ने 26-27 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया था. हालांकि उन्हें दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और करनाल हाईवे जैसी कई जगहों पर रोक लिया गया. इस दौरान दिल्ली पुलिस औऱ किसानों के बीच कई जगहों पर टकराव भी देखने को मिला. आखिरकार दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार शाम को किसानों को बुराड़ी में निरंकारी ग्राउंड पर विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत दे दी. हालांकि ज्यादातर किसान बुराड़ी जाने को राजी नहीं हैं. उनका कहना है कि सरकार हमें रामलीला मैदान में प्रदर्शन की इजाजत दे.
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