कृषि विधेयक (Farm Ordinance) के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसान की जहरीली दवाई निगलने के बाद इलाज के दौरान बठिंडा के निजी अस्पताल में मौत हो गई. मृतक किसान का नाम प्रीतम सिंह था. उनकी उम्र करीब 65 साल थी. वह मानसा जिले के गांव अक्का वाली के रहने वाले थे. दरअसल 15 सितम्बर से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के गांव बादल में भारतीय किसान एकता उग्रहा की ओर से प्रदर्शन किया जा रहा था, जिसमें किसान प्रीतम किसान भी शामिल थे. गुरुवार सुबह करीब 5:30 बजे संघर्ष के दौरान किसान प्रीतम सिंह ने जहरीली दवाई निगल ली.
जिसके बाद बठिंडा के निजी अस्पताल में उनको दाखिल करवाया गया. इलाज के दौरान शुक्रवार शाम प्रीतम सिंह की मौत हो गई. अब किसान यूनियन प्रीतम सिंह की मौत का जिम्मेदार केंद्र सरकार को ठहरा रही है. किसान यूनियन उग्रहा के प्रधान जोगिंदर सिंह ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण उनके साथी किसान प्रीतम सिंह ने अपनी जान गंवाई है. संसद में जब कृषि बिल पास हुआ तो प्रीतम सिंह काफी निराश दिखाई दे रहे थे. जिसके बाद उन्होंने जहरीली दवाई पीकर आत्महत्या कर ली.
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प्रीतम सिंह पर लाखों को कर्जा था, जिसको लेकर अब पंजाब लेवल की मीटिंग किसान यूनियन की ओर से की जाएगी. मीटिंग के फैसले के बाद ही मृतक किसान का अंतिम संस्कार किया. उधर पुलिस के मुताबिक मृतक किसान के परिजनों के बयान के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. किसान प्रीतम सिंह को सुबह ही बठिंडा के निजी अस्पताल में दाखिल करवा दिया गया था. जहरीली चीज निगलने के बाद प्रीतम सिंह की मौत हुई है.
VIDEO: कृषि बिल के खिलाफ जहर खाने वाले किसान की मौत
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