संयुक्त किसान मोर्चा ने योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है
स्वराज इंडिया के नेता और किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से एक माह के लिए सस्पेंड किए जाने का फैसले का वे सम्मान करते हैं. NDTV से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'ऐसे बड़े आंदोलन में सामूहिक निर्णय प्रक्रिया से जो भी फैसला हुआ है, वह सिर माथे पर. मैं उसका सम्मान करता हूं. इस आंदोलन की एकता को बनाए रखना देश के लिए सर्वोपरि है.' किसानों के आंदोलन को लेकर यादव ने कहा, 'बहुत समय बाद देश में कोई आशा की किरण आई है आंदोलन की एकता को और मजबूत करना होगा.इसमें किसी व्यक्ति के अहम या असहमति का कोई महत्व नहीं है. आंदोलन की एकता को और मजबूत करना होगा. इस आंदोलन में और गति से काम करना मेरे जैसे लोगों का धर्म है.'
यादव ने कहा, 'जिस चीज की कमी महसूस होती है आजादी के आंदोलन की बारीक चीजें भूलते जा रहे हैं. वह आजकल हम नहीं कर पा रहे स्वाभाविक मानवीय प्रक्रिया होनी चाहिए. गांव में यदि किसी से पुश्तैनीदुश्मनी भी तो हम बर्थडे-शादी में नहीं जाते लेकिन अगर मौत हो जाए तो आप मिलने जरूर जाते हैं. यह हमारा संस्कार है. महाभारत में युद्ध खत्म होने के बाद सब एक दूसरे का हाल पूछने जाते थे. दुख की बात है कि सार्वजनिक जीवन में इन चीजों के लिए यह जगह खत्म होती जा रही है.'उन्होंने इस संबंध सिख धर्म से संबंधित एक कहानी का भी जिक्र किया. यह पूछने पर कि फैसला पंजाब के किसान संगठनों ने लिया, योगेंद्र यादव ने कहा,' फैसला केवल पंजाब के संगठनों ने नहीं लिया. पूरे संयुक्त किसान मोर्चा ने लिया. इसकी सामूहिकता का मैं सम्मान करता हूं. कई फैसले होते हैं जो आपको पसंद होते हैं और कई नापसंद. हर कोई गांधी, लोहिया, जयप्रकाश की परंपरा से नहीं आता जिससे मैं आता हूं. मैंने मोर्चा से साफ कहा है कि जब हम आंदोलन में होते हैं तो दूसरों की राय भी समझनी होती है.'सस्पेंशन की एक माह की अवधि में क्या करेंगे, इससवाल पर यादव ने कहा कि आंदोलन के लिए काम करूंगा. अगर समय बच पाया तो आंदोलन के बारे में कुछ लिखूंगा.
गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने यादव को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर संवेदना प्रकट करने के लिए जाने के कारण उन पर यह कार्रवाई की गई है. निलंबन अवधि में योगेंद्र यादव संयुक्त किसान मोर्चा की किसी भी गतिविधि का हिस्सा नहीं होंगे.यह फैसला सिंघु बॉर्डर पर गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं द्वारा की गई लंबी बैठक के बाद लिया गया था.
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