फरीदाबाद: 27 साल का मोहित करीब 3 महीने से जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। वो न बोल सकता है और न कुछ समझ सकता है। घरवालों का आरोप है कि मोहित का ये हाल फरीदाबाद क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बीती 24 जुलाई को किया, उसे अपराधी समझकर तब गोली मारी गई जब वो अपने 4 दोस्तों के साथ कार ठीक कराने जा रहा था।
मोहित के पिता तेजपाल का कहना है कि एक सूमो कार में सवार 5 पुलिसकर्मियों ने पहले उनके बेटे की फोर्ड फिएस्टा कार को रोका और फिर उनके पहचान पत्र की भी जांच की। इससे बाद उन्होंने कहा कि पहचान पत्र भी नकली हो सकते हैं और सभी को गाड़ी में बिठाना शुरू कर दिया। इसे लेकर मोहित का पुलिसकर्मियों से झगड़ा हो गया। इसी बीच एक पुलिसकर्मी ने मोहित को गोली मारी दी। गोली आंख को चीरते हुए सिर में जा धंसी और अब तक बाहर नहीं निकली है। आरोप ये भी है कि पुलिसकर्मी ने खुद को बचाने के लिए अपने हाथ में भी गोली मार ली।
पुलिस ने हत्या की कोशिश का मामला तो दर्ज किया लेकिन अब तक आरोपी पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक कि उसके इलाज में भी कोई मदद नहीं मिली। मोहित का फिलहाल ईडब्लूएस कोटे से अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा है। इससे पहले वो फरीदाबाद के एक अस्पताल और दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती रहा।
मोहित के पिता ने रोते हुए बताया कि इलाज के लिए उन्होंने कई लोगों से ब्याज पर पैसे लिए, यहां तक कि अपना घर भी बेच दिया है। इस मामले पर फरीदाबाद पुलिस के डीसीपी राजेश दुग्गल का कहना है कि पुलिस को खबर मिली थी कि मोस्ट वांटेड अपराधी जफरुद्दीन मोहित की कार से आ रहा है। कार में जफरुद्दीन तो नहीं था लेकिन पूछताछ के दौरान एक पुलिसकर्मी से गलती से गोली चल गयी। पुलिस का ये भी दावा है कि मोहित पर शराब की तस्करी का मामला भी दर्ज है और जफरुद्दीन का सहयोगी है। 3 महीने की जांच में पुलिस ने हत्या की कोशिश की धाराओं को हटाकर लापरवाही का मामला भी बना दिया।