हिंदी की जानी-मानी लेखिका मन्नू भंडारी (Mannu Bhandari) नहीं रहीं. वे 90 साल की थीं. सोमवार को उनका निधन हो गया. मन्नू भंडारी ने हिंदी के संसार को कई यादगार कृतियां दीं. उनका उपन्यास आपका बंटी हिंदी में सबसे ज़्यादा बिकने वाले साहित्यिक उपन्यासों में रहा. महाभोज भी काफ़ी चर्चित हुआ. उनकी कहानी यही सच है पर बनी फिल्म 'रजनीगंधा' हिंदी की अविस्मरणीय फिल्मों में है. वे राजेंद्र यादव की पत्नी थीं. मोहन राकेश, कमलेश्वर, राजेंद्र यादव, भीष्म साहनी, धर्मवीर भारती और निर्मल वर्मा जैसे लेखकों को उस दौर में जिन दो महिला लेखकों ने टक्कर दी, उनमें कृष्णा सोबती के अलावा मन्नू भंडारी ही थीं.
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उनकी बेटी रचना यादव ने बताया, “वह करीब 10 दिन से बीमार थीं. उनका हरियाणा के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां सोमवार दोपहर को उन्होंने अंतिम श्वांस ली.” रचना ने बताया कि मन्नू भंडारी का अंतिम संस्कार मंगलवार को दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा. तीन अप्रैल 1931 को मध्य प्रदेश के भानपुरा में जन्मीं भंडारी प्रसिद्ध साहित्यकार राजेंद्र यादव की पत्नी थीं. उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज में अध्यापिका के पद पर भी अपनी सेवाएं दीं.
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