कतर जेल में बंद निर्दोष जोड़े के परिवार को जल्द रिहाई उम्मीद, जांच एजेंसियों के हाथ लगे अहम सबूत

बेगुनाही का सबूत मिलने के बाद अब दोनों की रिहाई की उम्मीद जगी है. लेकिन ये तो एक मामला सामने आया है. पीड़ित परिवार की माने तो नशे के तस्करों ने ऐसे कई और दंपत्तियों को इसी तरहं का लालच देकर फंसाया है .

कतर जेल में बंद निर्दोष जोड़े के परिवार को जल्द रिहाई उम्मीद, जांच एजेंसियों के हाथ लगे अहम सबूत

मुंबई:

मुफ्त हनीमून के लालच में भारत से कतर गया एक दंपत्ति ड्रग्स तस्करी के आरोप में इस कदर फंसा की वहां 10 साल की सजा हो गई है. फंसाने वाला भी कोई गैर नही उनकी अपनी बुआ थी. माणिक चंद जर्दा कहकर ऐसा बैग उन्हे साथ ले जाने को कहा जिसमें 4 किलो हाशिश छुपाकर रखी गई थी. नतीजा 6 जुलाई 2019 को कतर हवाई अड्डे पर उतरते ही दोनों पकड़े गये. लेकिन अब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की जांच में जब सच सामने आ गया है तो एनसीबी दोनों को छुड़ाने की मुहिम में जुट गई है.

मुंबई में रहने वाले मोहम्मद शरीक और और ओनिबा कौसर ने सपने में भी सोचा नही था कि मुफ्त का हनीमून उन्हे सलाखों के पीछे पंहुचा देगा....दोनों अब 10 साल के लिए कतर की जेल में हैं , 

ओनिबा ने जेल में ही बच्ची को जन्म दिया. नन्ही अयात भी मां के साथ जेल में रहने को मजबूर है. यहां भारत मे दोनों का परिवार उनकी बेगुनाही के लिए एनसीबी की शरण में है. 

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हैरानी की बात है हनीमून का लालच देकर दोनों को ड्रग्स की तस्करी में इस्तेमाल करने वाली कोई और नही खुद शरीक की अपनी बुआ तब्बसुम रियाज़ कुरैशी है. परिवार की गुहार पर पीएमओ ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को जांच का आदेश दिया.

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एनसीबी ने चंडीगढ़ में करीब डेढ़ किलो के चरस के साथ सिंडिकेट के 5 लोगों को पकड़ा जिसमें तब्बसुम का साथी निजाम कारा भी था. इस बीच शरीक के परिवार के हाथ कतर की एजेंसी से उसका मोबाइल फोन मिला जिसमें दोनों की बेगुनाही की आवाज रिकॉर्ड है.

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बेगुनाही का सबूत मिलने के बाद अब दोनों की रिहाई की उम्मीद जगी है. लेकिन ये तो एक मामला सामने आया है . पीड़ित परिवार की माने तो नशे के तस्करों ने ऐसे कई और दंपत्तियों को इसी तरहं का लालच देकर फंसाया है .