16 दिसंबर 2012 को निर्भया कांड के बाद देश भर में दोषियों को सजा देने के लिए प्रदर्शन हुए.(फाइल फोटो)
तकरीबन सवा चार बरस पहले 16 दिसंबर 2012 की दिल्ली की वह सर्द रात कुछ अलग थी. बढ़ती सर्दी के साथ सड़क पर ट्रैफिक भी कम था. तकरीबन नौ बजे एक लड़की अपने दोस्त के साथ दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका इलाके में अपने घर पालम विहार जाने के लिए इंतजार कर रही थी. उनको साधन तलाशने में आधे घंटे लग गए. घर पहुंचने की जल्दी के बीच तकरीबन साढ़े नौ बजे एक सफेद बस रुकी. उसमें से एक शख्स ने उन लोगों को बस में चढ़ने का ऑफर दिया. थोड़ा हिचकते हुए वे दोनों बस में चढ़ गए. उस बस में ड्राइवर समेत छह लोग पहले से मौजूद थे. थोड़ी देर बाद उन दरिंदों ने वह कृत्य किया जिससे मानवता भी शर्मसार हो गई. उन्होंने उन दोनों के साथ बेहद बर्बरता दिखाते हुए पहले निर्भया के साथ गैंगरेप किया और उसके बाद दोनों को बुरी तरह से पीटा और महिपालपुर फ्लाईओवर के पास उनको फेंक कर चले गए. कराहते युवक ने किसी तरह पीसीआर वैन बुलाई, जिसने उनको अस्पताल पहुंचाया. देश की अंतरात्मा को झकझोरने वाली उस घटना के 11 दिनों के बाद निर्भया की मौत हो गई. गुनहगारों को पकड़ा गया. आइए उनकी मौजूदा दशा पर डालते हैं एक नजर :
राम सिंह
निर्भया उस रात जब अपने दोस्त के साथ बस में चढ़ी तो उस वक्त ड्राइवर राम सिंह (32) ही गाड़ी चला रहा था. निर्भया के साथ गैंगरेप करने और लोहे की रॉड से हमला करने के बाद उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा. घटना के अगले दिन पकड़ा गया. 10 मार्च, 2013 को तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली.
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निर्भया कांड - तीन माह में कानून में बदलाव पर अदालत चार साल में नहीं बदली
निर्भया के बाद कानून में बहुत कुछ बदला होगा, लेकिन समाज कतई नहीं बदला...
मुकेश सिंह (32)
बस का क्लीनर था. गैंगरेप के बाद ऑयरन रॉड से दोनों को बुरी तरह से पीटा था. तिहाड़ जेल में बंद है.
पवन गुप्ता (24)
फल बेचने का काम करता था. तिहाड़ के जेल नंबर दो में तीन अन्य साथियों के साथ कैद है. ग्रेजुएशन परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है.
विनय शर्मा (26)
पेशे से फिटनेस ट्रेनर था. जब इसके पांच अन्य साथी रेप कर रहे थे तो यह गाड़ी चला रहा था. उसके बाद इसने मुकेश को गाड़ी चलाने को दी और रेप किया. तिहाड़ में कैद है और यूनिवर्सिटी एक्जाम की तैयारी कर रहा है. पिछले साल जेल के भीतर आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन बच गया.
अक्षय ठाकुर (33)
बिहार से ताल्लुक रखता है. स्कूल की पढ़ाई छोड़कर भागकर दिल्ली आया. तिहाड़ की जेल नंबर 2 में कैद है. जेल में इसने अपनी जान के खतरे की आशंका जाहिर की थी, तब से इसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
नाबालिग
इसी शख्स ने निर्भया को बस में चढ़ने का आग्रह किया था. घटना के वक्त नाबालिग था. नतीजतन फास्ट ट्रैक कोर्ट में तीन साल की अधिकतम सजा के साथ सुधार केंद्र में भेजा गया. दिसंबर, 2015 में सजा पूरी करने के बाद रिहा कर दिया गया.
केस स्टेटस
सभी छह आरोपियों के खिलाफ बलात्कार, अपहरण और हत्या का मामला दर्ज हुआ. फास्ट ट्रैक में मामला चला. 13 सितंबर, 2013 को चार को फांसी की सजा सुनाई गई और नाबालिग को तीन साल की अधिकतम सजा के साथ सुधार केंद्र में भेज दिया गया. 13 मार्च, 2014 को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा.
राम सिंह
निर्भया उस रात जब अपने दोस्त के साथ बस में चढ़ी तो उस वक्त ड्राइवर राम सिंह (32) ही गाड़ी चला रहा था. निर्भया के साथ गैंगरेप करने और लोहे की रॉड से हमला करने के बाद उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा. घटना के अगले दिन पकड़ा गया. 10 मार्च, 2013 को तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली.
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मुकेश सिंह (32)
बस का क्लीनर था. गैंगरेप के बाद ऑयरन रॉड से दोनों को बुरी तरह से पीटा था. तिहाड़ जेल में बंद है.
पवन गुप्ता (24)
फल बेचने का काम करता था. तिहाड़ के जेल नंबर दो में तीन अन्य साथियों के साथ कैद है. ग्रेजुएशन परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है.
विनय शर्मा (26)
पेशे से फिटनेस ट्रेनर था. जब इसके पांच अन्य साथी रेप कर रहे थे तो यह गाड़ी चला रहा था. उसके बाद इसने मुकेश को गाड़ी चलाने को दी और रेप किया. तिहाड़ में कैद है और यूनिवर्सिटी एक्जाम की तैयारी कर रहा है. पिछले साल जेल के भीतर आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन बच गया.
अक्षय ठाकुर (33)
बिहार से ताल्लुक रखता है. स्कूल की पढ़ाई छोड़कर भागकर दिल्ली आया. तिहाड़ की जेल नंबर 2 में कैद है. जेल में इसने अपनी जान के खतरे की आशंका जाहिर की थी, तब से इसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
नाबालिग
इसी शख्स ने निर्भया को बस में चढ़ने का आग्रह किया था. घटना के वक्त नाबालिग था. नतीजतन फास्ट ट्रैक कोर्ट में तीन साल की अधिकतम सजा के साथ सुधार केंद्र में भेजा गया. दिसंबर, 2015 में सजा पूरी करने के बाद रिहा कर दिया गया.
केस स्टेटस
सभी छह आरोपियों के खिलाफ बलात्कार, अपहरण और हत्या का मामला दर्ज हुआ. फास्ट ट्रैक में मामला चला. 13 सितंबर, 2013 को चार को फांसी की सजा सुनाई गई और नाबालिग को तीन साल की अधिकतम सजा के साथ सुधार केंद्र में भेज दिया गया. 13 मार्च, 2014 को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा.
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