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This Article is From Dec 18, 2017

अभिव्यक्ति और आक्रामकता में अंतर, संवेदनशीलता बरतें कलाकार : प्रसून जोशी

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष व गीतकार प्रसून ने कहा कि वे कलाकारों के राजनीतिक कार्यकर्ताओं में बदलने के खिलाफ नहीं हैं बशर्त उन्हें उन मुद्दों की जरूरी जानकारी हो जिन्हें वे उठा रहे हैं

अभिव्यक्ति और आक्रामकता में अंतर, संवेदनशीलता बरतें कलाकार : प्रसून जोशी
प्रसून जोशी (फाइल फोटो).
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
इंडिया आइडियाज कॉनक्लेव 2017 के संवाद सत्र में बोले प्रसून
राजनीति से जुड़ी चीजों पर टिप्पणी करें तो विषय की जानकारी जरूरी
विवादित बयान देना राजनीति को नुकसान पहुंचाने वाला होता है
पणजी: केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने रविवार को कहा कि अपने विचार व्यक्त करते वक्त कलाकारों को ज्यादा संवेदनशीलता बरतनी चाहिए और ‘‘अभिव्यक्ति’’ का घालमेल ‘‘आक्रामकता’’ से नहीं करना चाहिए. लेखक एवं गीतकार प्रसून ने कहा कि वह कलाकारों के राजनीतिक कार्यकर्ताओं में बदलने के खिलाफ नहीं हैं बशर्त उन्हें उन मुद्दों की जरूरी जानकारी हो जिन्हें वह उठा रहे हैं.

सेंसर बोर्ड के 46वर्षीय प्रमुख प्रसून ‘इंडिया फाउंडेशन’ की पहल ‘‘इंडिया आइडियाज कॉनक्लेव 2017’’ के संवाद सत्र में भाग ले रहे थे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘बेशक, आप खुद को अभिव्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन अभिव्यक्ति और आक्रामकता में अंतर होता है. मुक्त विश्व में आप खुद को अभिव्यक्त कर सकते हैं. यह जरूरी है कि किसी भी क्षेत्र में- चाहे वह कला का हो, शिक्षा का हो या सामाजिक (विज्ञान) का हो... मुझे लगता है जो कोई भी राजनीति से जुड़ी चीजों पर टिप्पणी करता है उसे विषय की जानकारी होना जरूरी है क्योंकि इसके वृहद निहितार्थ होते हैं. ’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ सनसनीखेज बाइट देना और विवादित बयान देना राजनीति को नुकसान पहुंचाने वाला होता है.’’ प्रसून ने कहा कि मनोरंजन उद्योग को नित नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, डिजिटल मीडिया तेजी से बढ़ रहा है.
(इनपुट भाषा से)

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