Exclusive: चीन ने डोकलाम में पिछले दो महीने में नई सड़कें बनाईं, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

चीन ने पिछले दो महीने में डोकलाम में गुपचुप तरीके से नई सड़कें बना ली हैं.

Exclusive: चीन ने डोकलाम में पिछले दो महीने में नई सड़कें बनाईं, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

डोकलाम क्षेत्र का सैटेलाइट व्यू

खास बातें

  • डोकलाम में चीन ने गुपचुप तरीके से बनाई नई सड़कें.
  • चीन ने सेना भी तैनात कर दिया है.
  • सैटेलाइट की तस्वीरों से हुआ खुलासा.
नई दिल्ली:

डोकलाम में भारत और चीन का सीमा विवाद भले ही अभी शांत नजर आ रहा हो, मगर चीन वहां सबकी नजरों से छुपकर नई योजनाओं पर काम कर रहा है. चीन ने पिछले दो महीने में डोकलाम में गुपचुप तरीके से नई सड़कें बना ली हैं. सीमा से सटे इलाकों की नई सैटेलाइट की तस्वीरों से पता चलता है कि चीनी रोड वर्कर्स ने विवादित क्षेत्र में मौजूदा सड़क यानी ट्रैक के कई हिस्सों का विस्तार किया है. हैरान करने वाली बात ये है कि ये उस जगह से थोड़ी दूर है, जहां इस साल करीब 70 दिनों तक भारतीय सेना और चीनी सैनिक टकराव की स्थिति में तैनात थे.

सैटेलाइट की तस्वीरों से ये साफ झलकता है कि चीन ने डोकलाम गतिरोध वाले क्षेत्र में नई सड़कें बनाई हैं. सैटेलाइट की तस्वीरों की मानें तो सड़क पर सबसे नया विस्तार करीब एक हुआ किलोमीटर तक फैला है और यह विवादित स्थल से पूर्व में 4.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. सीमा से सटे सड़क का दूसरा नया विस्तार विवादित स्थल से पूर्व में करीब 7.3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और ये उत्तर की दिशा में करीब 1.2 किलोमीटर तक फैली है. जैसा कि अक्टूबर में एनडीटीवी ने रिपोर्ट किया था कि सिंच ला पास गतिरोध स्थल से पूर्व में 10 किलोमीटर का निर्माण किया गया है. 

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पिछले 13 महीनों में इस क्षेत्र में चीनी सड़क निर्माण गतिविधियों की पुराने सैटेलाइट इमेज की तुलना से यह स्पष्ट है कि नए हिस्सों का निर्माण 19 फरवरी के बाद किया गया है. मगर कम से कम दो हिस्सों को हाल ही में 17 अक्टूबर से 8 दिसंबर के बीच बनाया गया है. 
 

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बता दें कि जून के मध्य में भारतीय सैनिकों ने "चिकन्स नेक" के निकट चीनी सड़क के निर्माण को रोकने के लिए सिक्किम सीमा पार किया था और भारत के संकरे चिकेन नेक इलाके के करीब सामरिक सड़क का निर्माण रोक दिया. बता दें कि यह इलाका पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ता है.करीब दो महीने तक चले इस तनातनी के बाद दोनों पक्षों के सैनिकों ने 150 मीटर के लिए अपने-अपने पैर पीछे खींचे थे. ये संघर्ष दशकों में सबसे खराब संघर्ष के रूप में रेखांकित किया गया और तब जाकर दोनों देशों ने स्वीकार किया कि वे अपने सैनिकों को वापस ले रहे हैं. गौरतलब है कि अब तक चीन द्वारा बनाए गए नए पटरियों में से कोई भी चिकेन नेक की दक्षिण दिशा में निर्देशित नहीं हैं.

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कल ही, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बातचीत की. विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक में "हमारे द्विपक्षीय संबंधों को ताजा गति दी गई. लेकिन आज कड़ा रुख अपनाते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि डोकलाम के असंतोष ने "गंभीर तनाव" के तहत संबंध बनाए रखे हैं और पिछले साल से हो रहे आपसी विश्वास को बढ़ावा देने के प्रयास "बहुत संतोषजनक नहीं" हैं.

चेतावनी भरे लहजे में मंत्री वांग यी ने कहा कि "इस डोकलाम मामले को अंततः राजनयिक साधनों के माध्यम से शांतिपूर्वक सुलझाया गया, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों की परिपक्वता को दर्शाया गया था. हालांकि, इससे सबक लेना चाहिए और ऐसे टकराव से बचना चाहिए. 

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रिपोर्टे मिली है कि चीन ने डोकलाम क्षेत्र में 1000 से अधिक सैनिकों की तैनाती की है और संभावना जताई जा रही है कि पूरी सर्दी भर ये सैनिक इस क्षेत्र में डंटे रहेंगे. बता दें कि इस क्षेत्र में भारतीय सेना पहले से ही अच्छी तरह से तैनात है, सिक्किम में कई इकाइयां हैं, जो डोकलाम में चीनी का सामना कर रही हैं.

VIDEO:चीन ने विवादित डोकलाम में सड़क निर्माण का काम आगे बढ़ाया

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