EXCLUSIVE: खत्म होती जा रही है नरेंद्र मोदी सरकार की चमक, NDTV से बोले राहुल बजाज

EXCLUSIVE: खत्म होती जा रही है नरेंद्र मोदी सरकार की चमक, NDTV से बोले राहुल बजाज

NDTV से बात करते राहुल बजाज

नई दिल्ली :

देश के शीर्ष उद्योगपतियों में से एक और राज्यसभा के सांसद राहुल बजाज ने NDTV से की गई एक खास बातचीत में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए तल्ख शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा है कि पिछले साल ऐतिहासिक जीत के साथ सत्ता में आने वाली एनडीए सरकार अपनी चमक खोती जा रही है।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को मिली ऐतिहासिक जीत का ज़िक्र करते हुए बजाज ग्रुप के चेयरमैन ने कहा, "मई, 2014 में हमें एक 'शहंशाह' मिला था, और पिछले 20-30 सालों में दुनिया के किसी भी देश में, किसी को भी ऐसी सफलता नहीं मिली थी... मैं इस सरकार के विरोध में आज भी नहीं हूं, लेकिन सच्चाई यही है कि अब इस सरकार की चमक फीकी पड़ती जा रही है..."

राहुल बजाज ने अपनी बात को आगे ले जाते हुए कहा कि वह "वही कह रहे हैं, जो बाकी लोग कह रहे हैं..." उन्होंने कहा, सरकार की गिरती साख पिछले साल से अब तक कई चुनाव नतीजों में साफ नज़र आई है। उन्होंने कहा, "दिल्ली में यह दिखा, पश्चिम बंगाल के निगम चुनावों में भी दिखा... मैं दोनों पार्टियों के साथ हूं, मैं भारत की भलाई चाहता हूं... मैं सरकार से बाहर का आदमी हूं, मैं कुछ नहीं जानता हूं, लेकिन अगर बीजेपी बिहार में अच्छी सरकार बना पाती है तो कम से कम इस स्थिति से कुछ छुटकारा मिल सकता है... बीजेपी की थोड़ी उम्मीद आने वाले बंगाल, केरल, असम और पॉन्डिचरी चुनाव से है..."

सरकार द्वारा प्रस्तावित ब्लैक मनी बिल के संदर्भ में अपनी बात रखते हुए राहुल बजाज ने कहा, जिन लोगों के पास काला धन जमा है, यह बिल उन्हें उसे सार्वजनिक करने के लिए तीन महीने का समय देता है। इसमें जो लोग तीन महीने की समयावधि का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें इसके लिए 60 प्रतिशत चार्ज देना पड़ेगा, लेकिन उन पर किसी तरह का केस नहीं चलेगा। जो लोग इस तीन महीने की विंडो का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं, दोषी पाए जाने पर उन पर 120 प्रतिशत जुर्माना और 10 साल तक की कैद की सज़ा हो सकती है।

राहुल बजाज ने यह भी कहा कि उद्योग जगत से जुड़े लोग इस बात से चिंतित हैं कि इस तरह की घोषणाओं के बावजूद उन्हें इस बात की गारंटी नहीं मिलती है कि भविष्य में उन पर केस नहीं चलाया जाएगा।

राहुल कहते हैं, "हम सार्वजनिक जानकारी दे देते हैं और फिर आप कहते हैं कि यह गैरकानूनी है... अगर ऐसा होता है तो मैं कुछ भी सार्वजनिक नहीं करूंगा, मैं रिस्क लूंगा और सुप्रीम कोर्ट जाकर जीवन भर अपनी लड़ाई लड़ूंगा... मुझे कुछ भी नहीं होगा..."

हालांकि सरकार ने इन घोषणाओं पर बारीक नज़र रखने की बात कही है, ताकि उन्हें टैक्स अधिकारी परेशान न कर सकें, लेकिन राहुल बजाज इस तर्क से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है, "हर कोई कह रहा है... चाहे वह आईटीओ हो या प्रवर्तन निदेशालय, उन जगहों पर मौजूद तकरीबन लोग वैसे ही हैं, जैसे पहले थे... आप हर हाल में परेशान किए जाएंगे..."

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राहुल बजाज ने यह भी कहा कि उन्हें उन उद्योगपतियों से कोई सहानुभूति नहीं, जो कानून तोड़ते हैं, लेकिन यह कानून पारदर्शी नहीं है। राहुल कहते हैं, "मेरे ख़्याल से इस कानून का प्रारूप ही किसी परिकल्पना के तहत किया गया है... मैं यह बात पूरे समूह के लिए नहीं कह सकता हूं, लेकिन जिन्होंने ऐसा किया है, मेरी सहानुभूति उनके साथ नहीं है। यह सब बदले की कार्रवाई के तहत किया गया है... यह नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं है..."