नई दिल्ली:
'वन रैंक, वन पेंशन' की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर सोमवार से जारी पूर्व सैनिकों की भूख हड़ताल का आज दूसरा दिन है। इन सैनिकों का कहना है जब तक इनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक इनका अनशन जारी रहेगा। भूख हड़ताल केवल दिल्ली में नहीं, बल्कि देश की अलग-अलग 50 जगहों पर पूर्व सैनिकों आमरण अनशन कर रहे है।
इंडियन एक्स सर्विस मेन मूवमेंट के चैयरमैन मेजर जनरल सतबीर सिंह कहते हैं, ''अभी तक सरकार की ओर से किसी ने हमसे संपर्क नही किया। इन सैनिकों ने तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने का समय मांगा है और अपील की है कि वे इस मामले में दखल दें, लेकिन न तो इन्हें राष्ट्रपति का वक्त मिला है और न ही कोई आश्वासन।''
अनशन कर रहे ये लोग अपनी मांग को लेकर करीब 22 हजार बहादुरी के मेडल राष्ट्रपति को वापस कर चुके है, जबकि अन्य कई सैनिक भी अपने मेडल वापस करने की तैयारी में हैं। वैसे पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर तक ने सैनिकों को कहा कि सरकार वन रैंक-वन पेंशन को लागू करेगी, लेकिन थोड़ा धैर्य रखें। पिछले 33 साल से वन रैंक-वन पेंशन की लड़ाई लड़ रहे पूर्व सैनिकों का सब्र का बांध टूट रहा है और जब तक सरकार इसे लागू करने का तारीख घोषित नहीं करती तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा।
इंडियन एक्स सर्विस मेन मूवमेंट के चैयरमैन मेजर जनरल सतबीर सिंह कहते हैं, ''अभी तक सरकार की ओर से किसी ने हमसे संपर्क नही किया। इन सैनिकों ने तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने का समय मांगा है और अपील की है कि वे इस मामले में दखल दें, लेकिन न तो इन्हें राष्ट्रपति का वक्त मिला है और न ही कोई आश्वासन।''
अनशन कर रहे ये लोग अपनी मांग को लेकर करीब 22 हजार बहादुरी के मेडल राष्ट्रपति को वापस कर चुके है, जबकि अन्य कई सैनिक भी अपने मेडल वापस करने की तैयारी में हैं। वैसे पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर तक ने सैनिकों को कहा कि सरकार वन रैंक-वन पेंशन को लागू करेगी, लेकिन थोड़ा धैर्य रखें। पिछले 33 साल से वन रैंक-वन पेंशन की लड़ाई लड़ रहे पूर्व सैनिकों का सब्र का बांध टूट रहा है और जब तक सरकार इसे लागू करने का तारीख घोषित नहीं करती तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा।
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