किसान बिल (Farmers Bill) के खिलाफ पंजाब और हरियाणा में किसानों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच पंजाब सरकार के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने सालभर के लंबे अंतराल के बाद ट्विटर पर इस मुद्दे पर लड़ाई छेड़ी है। उन्होंने कहा है कि पंजाबी अस्मिता पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सिद्धू ने पंजाबी में ट्वीट किया, "किसानी पंजाब दी रूह, सरीर दे घाव भर जांदे हन,पर आत्मा ते वार, साडे अस्तित्व उत्ते हमला बर्दाश्त नहीं, जंग दी तूती बोलदी ऐ - इंकलाब ज़िन्दाबाद, पंजाब, पंजाबियत ते हर पंजाबी किसानां दे नाल."
इसका मतलब है, "किसानी पंजाब की रूह (आत्मा) है...शरीर के घाव भर जाते हैं, पर आत्मा पर वार...हमारे अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं,यु द्ध का बिगुल बोलता है - इंक़लाब ज़िन्दाबाद.,,पंजाब, पंजाबियत और हर पंजाबी किसान के साथ."
क्या है किसान बिल? पंजाब में क्यों मचा हंगामा? किसानों के आगे क्यों झुका अकाली दल?
सिद्धू ने दूसरे ट्वीट में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और लिखा है, "सरकारें तमाम उम्र यही भूल करती रही, धूल उनके चेहरे पर थी, आईना साफ करती रही."
ਕਿਸਾਨੀ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਰੂਹ,
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 18, 2020
ਸਰੀਰ ਦੇ ਘਾਓ ਭਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ,
ਪਰ ਆਤਮਾ 'ਤੇ ਵਾਰ,
ਸਾਡੇ ਅਸਤਿਤਵ ਉੱਤੇ ਹਮਲਾ ਬਰਦਾਸ਼ਤ ਨਹੀਂ।
ਜੰਗ ਦੀ ਤੂਤੀ ਬੋਲਦੀ ਹੈ - ਇੰਕਲਾਬ ਜ਼ਿੰਦਾਬਾਦ,
ਪੰਜਾਬ, ਪੰਜਾਬੀਅਤ ਤੇ ਹਰ ਪੰਜਾਬੀ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੇ ਨਾਲ।
2/2 pic.twitter.com/7QPDmFbEC0
सरकारें तमाम उम्र यही भूल करती रही,
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 18, 2020
धूल उनके चेहरे पर थी, आईना साफ करती रही, 1/2
लोकसभा में दो किसान बिल पारित होने के बाद सियासत गरमा गई है. बीजेपी की सहयोगी अकाली दल की मंत्री हरसिमरत कौर ने मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नौटंकी करार दिया है. उधर, पंजाब और हरियाणा में किसानों का आंदोलन तेज हो गया है. किसान इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसानों को डर है कि नए किसान कानून से उन्हें फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल सकेगा.
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