जस्टिस केएम जोसेफ.
नई दिल्ली:
उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ की पदोन्नति पर अनिश्चितता के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. जनहित याचिका में शीर्ष अदालत में उनकी तत्काल नियुक्ति की मांग की गई है. महाराष्ट्र के रिटायर्ड जिला जज जीडी इनामदार ने सुप्रीम कोर्ट में यह जनहित याचिका दायिर की है.
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याचिका में जस्टिस जोसफ और इंदु मल्होत्रा के लिए की गई कॉलेजियम की सिफारिशों को अलग करने की सरकार की कार्रवाई को असंवैधानिक, गैरकानूनी और मनमानी करार दिए जाने की भी मांग की गई है. याचिका में यह भी मांग की गई है कि केंद्र सरकार को जस्टिस केएम जोसफ के लिए कॉलेजियम की सिफारिश को मानते हुए फौरन सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए जाने की कारवाई के निर्देश दिए जाएं.
यह भी पढ़ें : जजों की नियुक्ति पर अंतिम फैसले का अधिकार कॉलेजियम को : सोली सोराबजी
याचिका में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार को आदेश दिया जाए कि वो भविष्य में कॉलेजियम की सिफारिशों को बिना कॉलेजियम की मंजूरी के अलग-अलग नहीं करेगी. उन्होंने याचिका में लिखा कि न्यायपालिका की संस्थानिक स्वतंत्रता और अखंडता को बचाए रखना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि केंद्र सरकार इसे कुचलना चाहती है.
VIDEO : कॉलेजियम की बैठक में नहीं हो सका जस्टिस के एम जोसेफ पर फैसला
गौरतलब है कि बुधवार को जस्टिस जोसेफ की नियुक्ति के मामले में कॉलेजियम कोई फैसला नहीं ले पाया था. सूत्रों के अनुसार कॉलेजियम की माटिंग इस हफ्ते या अगले हफ्ते फिर होगी. उन्होंने बताया कि पांच जजों ने सहमति से मीटिंग को टाला है. फिलहाल इस बात का पता नहीं चल सका है कि मीटिंग में क्या हुआ. सूत्रों ने बताया कि कॉलेजियम जस्टिस केएम जोसफ की सिफारिश पर कायम रहेगा और केंद्र की सारी आपत्तियों का विस्तार से जवाब देगा. अगली बैठक में पूरी रणनीति तय की जाएगी.
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याचिका में जस्टिस जोसफ और इंदु मल्होत्रा के लिए की गई कॉलेजियम की सिफारिशों को अलग करने की सरकार की कार्रवाई को असंवैधानिक, गैरकानूनी और मनमानी करार दिए जाने की भी मांग की गई है. याचिका में यह भी मांग की गई है कि केंद्र सरकार को जस्टिस केएम जोसफ के लिए कॉलेजियम की सिफारिश को मानते हुए फौरन सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए जाने की कारवाई के निर्देश दिए जाएं.
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याचिका में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार को आदेश दिया जाए कि वो भविष्य में कॉलेजियम की सिफारिशों को बिना कॉलेजियम की मंजूरी के अलग-अलग नहीं करेगी. उन्होंने याचिका में लिखा कि न्यायपालिका की संस्थानिक स्वतंत्रता और अखंडता को बचाए रखना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि केंद्र सरकार इसे कुचलना चाहती है.
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गौरतलब है कि बुधवार को जस्टिस जोसेफ की नियुक्ति के मामले में कॉलेजियम कोई फैसला नहीं ले पाया था. सूत्रों के अनुसार कॉलेजियम की माटिंग इस हफ्ते या अगले हफ्ते फिर होगी. उन्होंने बताया कि पांच जजों ने सहमति से मीटिंग को टाला है. फिलहाल इस बात का पता नहीं चल सका है कि मीटिंग में क्या हुआ. सूत्रों ने बताया कि कॉलेजियम जस्टिस केएम जोसफ की सिफारिश पर कायम रहेगा और केंद्र की सारी आपत्तियों का विस्तार से जवाब देगा. अगली बैठक में पूरी रणनीति तय की जाएगी.
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