
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल में 21 दिसंबर को एक दिहाड़ी मजदूर दीपक मरावी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि उनकी मौत कोरोना वैक्सीन की वजह से हुई है. दीपक वैक्सीन ट्रायल के प्रतिभागी थे लेकिन न तो सरकार और न ही वैक्सीन निर्माता कंपनी ने फॉलोअप किया और न ही उन्हें बताया कि वो ट्रायल प्रतिभागी हैं. NDTV द्वारा खबर दिखाए जाने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस पर चिंता जताई है.
उन्होंने मृतक की पत्नी का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा है, "चौंकाने वाली खबर है. केंद्र व राज्य शासन को इसे तत्काल संज्ञान में लेना चाहिए."
चौंकाने वाली खबर है। केंद्र व राज्य शासन को इसे तत्काल संज्ञान में लेना चाहिए। https://t.co/w0yQab07QZ
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 9, 2021
NDTV ने तहकीकात में पाया है कि दीपक को वैक्सीन ट्रायल में शामिल किया गया था लेकिन उन्हें इस बावत कोई सहमति पत्र नहीं दिया गया था. दीपक की ही तरह कई ट्रायल प्रतिभागियों को यह पता तक नहीं था कि वो वैक्सीन ट्रायल का इंजेक्शन ले रहे हैं. हालांकि, NDTV इसकी पुष्टि नहीं करता कि दीपक की मौत वैक्सीन की वजह से ही हुई है.
45 साल के दीपक मरावी मज़दूरी करते थे और टीला जमालपुरा की सूबेदार कॉलोनी में किराये के एक कमरे में तीन बच्चों के साथ रहते थे. दीपक ने कोरोना वैक्सीन ट्रायल में हिस्सा लिया था. पहले डोज़ के बाद ही तबीयत खराब हो गई और अस्पताल पहुंचने से पहले दीपक की मौत हो गई. दीपक को टीका लगा था या प्लेसिबो हम नहीं बता सकते. 12 दिसंबर से 21 दिसंबर के बीच दीपक के साथ क्या हुआ, हमारे लिए बताना मुश्किल है. पत्नी अब दूसरों से खाना मांग कर बच्चों का पेट भर रही हैं.
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