मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने सोमवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़खानी नहीं की जा सकती और विशेषज्ञों की एक समिति ईवीएम के काम पर नजर रख रही है.
अरोड़ा ने स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) के नए शैक्षणिक सत्र के उद्घाटन के मौके पर कहा कि प्रणाली की प्रामाणिकता पर संदेह का कोई कारण नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि यहां बहुत सारे तकनीकीविद बैठे हैं, ऐसे में मैं आपको अवश्य बताना चाहूंगा कि ईवीएम की पूरी प्रक्रिया पर अति कुशल तकनीकी समिति नजर रख रही है.''
मुख्य चुनाव आयुक्त का बयान ऐसे समय में आया है जब कई राजनीतिक दलों ने हाल ही में आरोप लगाया था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है. उन्होंने कहा कि समिति के सदस्य ऐसे लोग नहीं हैं जिनसे संपर्क साधा जा सकता है, या जिन पर दबाव बनाया जा सकता है, या फिर उन्हें बहलाया-फुसलाया जा सकता है. ईवीएम में छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है.
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अरोड़ा ने कहा, ‘‘....भारत के हर नागरिक को यह जान लेना चाहिए कि यह कोई ऐसी मशीन नहीं है जिससे छेड़छाड़ की जा सकती है. छेड़छाड़ और गड़बड़ी में फर्क होता है. कोई भी मशीन गड़बड़ हो सकती है. आप नई कार खरीदते हैं और यह एक ही हफ्ते में गड़बड़ हो सकती है.....'' उन्होंने कहा, ‘‘इन दिनों ईवीएम के बारे में बहुत चर्चा होती है. मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो सामान्यत: साक्षात्कार देता हूं लेकिन हाल ही में मुझे एक या दो साक्षात्कार देने पड़े और मैंने कहा कि भारत में 2014 में चुनाव हुए थे और आपके सामने ‘एक्स' परिणाम आया था और फिर दिल्ली विधानसभा के चुनाव हुए और आपके सामने ‘वाई' नतीजा आया.'' मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘‘अब, हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, और हमारे सामने अलग परिणाम आए. इन सब के बीच उपचुनाव भी हुए और उनके भी नतीजे अलग-अलग थे. क्या ऐसा हो सकता है यदि परिणाम एक्स ही होता, ईवीएम त्रुटिपूर्ण होतीं और जब वाई परिणाम सामने आया तब (क्या) ईवीएम में किसी तरह की गड़बड़ी थी?''
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उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव कराता है और ‘पूरी विनम्रता से (हम कहना चाहते हैं कि) हम अपने आप को देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विवेकपूर्ण रखवाले के रूप में देखते हैं.' उन्होंने कहा, ‘‘वयस्क सार्वभौमिक मताधिकार को चुनाव का आधार बनाने वाले अपने संविधान निर्माताओं को इसका सारा श्रेय जाता है. उन्हें स्वायत्त चुनाव आयोग के महत्व का भी अहसास हुआ. ''
अरोड़ा ने कहा, ‘‘......मैं आपकी आंखों में आंख डालकर लेकिन विनम्रता और सर्वोचित गर्व के साथ कह सकता हूं कि भारतीय चुनाव आयोग कोई व्यक्ति नहीं है बल्कि यह संविधान निर्माताओं द्वारा सृजित एक संस्था है.'' वह यहां ‘आगे का रास्ता - अवसर और चुनौतियां'' विषय पर बात कर रहे थे.
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आगामी लोकसभा चुनावों पर सीईसी ने कहा, ‘‘हम अपनी पूरी कोशिश करेंगे और मुझे विश्वास है कि हम एक विश्वसनीय, निष्पक्ष, तटस्थ और नैतिक चुनाव कराने में सफल होंगे.” ‘स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) के निदेशक जगत राम, चिकित्सा संस्थान के वरिष्ठ संकाय और छात्र इस मौके पर मौजूद थे.
(इनपुट भाषा से)
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