विज्ञापन
This Article is From Dec 28, 2021

लड़कियों को पुरूष मित्रों से दूरी बनाकर रखने की सलाह पर विवाद, JNU अधिकारी बोले- सबका अपना नजरिया होता है

‘‘लड़कियों से ये उम्मीद की जाती है कि उन्हें ये पता होना चाहिए कि अपने पुरूष मित्रों के बीच दायरा कैसे तय करना है.'' 

लड़कियों को पुरूष मित्रों से दूरी बनाकर रखने की सलाह पर विवाद, JNU अधिकारी बोले- सबका अपना नजरिया होता है
सर्कुलर में कही गई इस बात की छात्र संगठनों एवं अध्यापकों ने निंदा की
नई दिल्ली:

‘‘लड़कियों से ये उम्मीद की जाती है कि उन्हें ये पता होना चाहिए कि अपने पुरूष मित्रों के बीच दायरा कैसे तय करना है.'' जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) द्वारा यौन उत्पीड़न पर काउंसिलिंग सत्र के आयोजन पर जारी सर्कुलर में लिखी गई इस लाइन पर काफी विवाद हो रहा है. इसी बीच अब इस मामले पर विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति की पीठासीन अधिकारी का बयान आया है और उन्होंने सफाई पेश करते हुए कहा है कि सबका किसी भी बात को देखने का अपना दृष्टिकोण होता है.

सर्कुलर में कही गई इस बात की छात्र संगठनों एवं अध्यापकों ने निंदा की और कहा कि इससे पीड़िता को शर्मसार करने की बू आती है. दरअसल विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति ने विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर ये निमंत्रण डाला था जिसमें कहा गया था कि वो 17 जनवरी को यौन उत्पीड़न विषय पर परामर्श सत्र का आयोजन करेगी. उसने ये भी कहा था कि ऐसा सत्र हर महीने आयोजित किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- "सिर्फ मां के गर्भ, कब्र में ही सुरक्षित हैं लड़कियां..." : खुदकुशी से पहले 11वीं की छात्रा ने काग़ज़ पर उतारी पीड़ा

समिति की पीठासीन अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमारे पास जो मामले आते हैं, उनमें से कई ऐसे होते हैं जहां पुरूष और महिला करीबी दोस्त होते हैं. ऐसे में अगर महिला को उसे जिस तरह से स्पर्श किया जा रहा है, वो सही नहीं लग रहा है तो उसे ‘ना' कहनी चाहिए. ये बात अपने मन में नहीं रखनी चाहिए. लोग दोस्त बनने के बाद संबंध बनाते हैं. यदि उन्हें स्पर्श पसंद नहीं आ रहा हो तो, स्पष्ट कहना चाहिए.''

उन्होंने कहा कि पुरूष यौन उत्पीड़न के परिणाम के बारे में परिचित नहीं होते हैं और इस परामर्श सत्र में उन्हें बताया जाएगा कि यदि वे मना करने के बाद भी किसी को असहज कर दे रहे हैं या अनपयुक्त ढंग से स्पर्श कर रहे हैं तो उसके क्या परिणाम हो सकते हैं.

आलोचना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘सभी का चीजें को देखने का अपना नजरिया और तरीका होता है. वे परामर्श सत्र को सकारात्मक ढंग से देख सकते हैं और उन्हें नजर आ सकता है कि ऐसा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.''

वहीं इस पूरे मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए ‘महिला-द्वेषी' परिपत्र वापस लेने की मांग की थी. शर्मा ने इस निमंत्रण को टैग करते हुए ट्वीट किया था, ‘‘हमेशा सारे उपदेश लड़कियों के लिए क्यों होते हैं? उत्पीड़न करने वालों को, न कि पीड़िता को सिखाने का समय है. जेएनयू का महिला -द्वेषी परिपत्र वापस लिया जाना चाहिए. आंतरिक समिति को पीड़िता केंद्रित रूख रखना चाहिए. अन्यथा नहीं.'

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com