नई दिल्ली:
अब तक साफ सफाई को लेकर भले सरकार की जिम्मेदारी होती थी, लेकिन अब से जनता भी साझेदार और भागीदार होगी। एनजीटी ने कहा कि दिल्ली में रहने वाले हर घर को एनवायरमेंटल कंपनसेशन देना होगा। पॉश इलाकों से लेकर अनधिकृत कॉलोनियों तक पर ये आदेश लागू होगा।
अनधिकृत कॉलोनियों में मुआवजे की राशि 100 से 500 रुपये के बीच होगी जबकि दूसरे इलाकों में पानी या बिजली बिल के आधार पर मुआवजे की राशि तय होगी। मसलन दोनों बिलों में से जिसकी रकम ज्यादा होगी वही राशि पर्यावरण मुआवजे के तौर पर भरनी होगी।
एनजीटी की दलील है कि हर घर से कचरा लिए नालियां आखिर में यमुना पहुंचती हैं जिसकी सफाई किसी चुनौती से कम नहीं।
लिहाजा एनवायरमेंटल कंपनसेशन लेना जरूरी है। पैसे वसूलने का काम बिजली कंपनियां करेंगी और इससे जमा रकम दिल्ली सरकार के खाते में जाएगी जिसका उपयोग बाद में यमुना की सफाई में किया जाएगा। इसके साथ ही NGT ने आदेश दिया है कि यमुना के अलावा नहरों में भी कचरा डालने पर 5000 रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई 25 मई को है।
अनधिकृत कॉलोनियों में मुआवजे की राशि 100 से 500 रुपये के बीच होगी जबकि दूसरे इलाकों में पानी या बिजली बिल के आधार पर मुआवजे की राशि तय होगी। मसलन दोनों बिलों में से जिसकी रकम ज्यादा होगी वही राशि पर्यावरण मुआवजे के तौर पर भरनी होगी।
एनजीटी की दलील है कि हर घर से कचरा लिए नालियां आखिर में यमुना पहुंचती हैं जिसकी सफाई किसी चुनौती से कम नहीं।
लिहाजा एनवायरमेंटल कंपनसेशन लेना जरूरी है। पैसे वसूलने का काम बिजली कंपनियां करेंगी और इससे जमा रकम दिल्ली सरकार के खाते में जाएगी जिसका उपयोग बाद में यमुना की सफाई में किया जाएगा। इसके साथ ही NGT ने आदेश दिया है कि यमुना के अलावा नहरों में भी कचरा डालने पर 5000 रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई 25 मई को है।
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