गुवाहाटी में रैली को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी...
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 - अब देश के हर नागरिक में भ्रष्टाचार को लेकर गुस्सा है- पीएम मोदी
 - पहली मीटिंग में कालेधन के खिलाफ कदम उठाने का फैसला किया- प्रधानमंत्री
 
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                                                                                गुवाहाटी: 
                                        प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को गुवाहाटी में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उनके लिए नोटबंदी का फैसला बहुत मुश्किल निर्णय था, लेकिन जनता उनके साथ खड़ी हुई.
भाजपा नीत राजग सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर मोदी ने उनकी सरकार द्वारा किए फैसले में उनके साथ खड़े होने के लिए देश की सवा सौ करोड़ की जनता का धन्यवाद दिया.
पीएम मोदी ने यहां एक जनसभा में कहा, 'नोटबंदी बहुत मुश्किल फैसला था. (विपक्षी) नेताओं ने गुस्सा पैदा करने तथा लोगों को उकसाने का प्रयास किया, लेकिन जनता के आशीर्वाद से मेरी सरकार ने सभी समस्याओं का मुकाबला किया'. उन्होंने कहा, 'मुश्किल फैसलों के बावजूद हमारा समर्थन बढ़ा. लोग अब बदलाव देख सकते हैं'. कालेधन के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा, 'हमने केन्द्रीय कैबिनेट की पहली ही बैठक में कालेधन के खिलाफ मजबूत कदम उठाने का फैसला किया था. भ्रष्टों के पास से जब्त कालाधन गरीबों के पास वापस जाएगा. मैं समस्याओं का सामना करूंगा, लेकिन ऐसा करने से नहीं झिझकूंगा, क्योंकि मैंने जनता से इसका वादा किया है'.
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कही गई प्रमुख बातें...
                                                                        
                                    
                                भाजपा नीत राजग सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर मोदी ने उनकी सरकार द्वारा किए फैसले में उनके साथ खड़े होने के लिए देश की सवा सौ करोड़ की जनता का धन्यवाद दिया.
पीएम मोदी ने यहां एक जनसभा में कहा, 'नोटबंदी बहुत मुश्किल फैसला था. (विपक्षी) नेताओं ने गुस्सा पैदा करने तथा लोगों को उकसाने का प्रयास किया, लेकिन जनता के आशीर्वाद से मेरी सरकार ने सभी समस्याओं का मुकाबला किया'. उन्होंने कहा, 'मुश्किल फैसलों के बावजूद हमारा समर्थन बढ़ा. लोग अब बदलाव देख सकते हैं'. कालेधन के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा, 'हमने केन्द्रीय कैबिनेट की पहली ही बैठक में कालेधन के खिलाफ मजबूत कदम उठाने का फैसला किया था. भ्रष्टों के पास से जब्त कालाधन गरीबों के पास वापस जाएगा. मैं समस्याओं का सामना करूंगा, लेकिन ऐसा करने से नहीं झिझकूंगा, क्योंकि मैंने जनता से इसका वादा किया है'.
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कही गई प्रमुख बातें...
- तीन साल पहले इसी समय 26 मई को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन परिसर में राष्ट्रपति ने मुझे प्रधानमंत्री के कार्यभार की शपथ दिलवाई थी. आज इस बात को तीन वर्ष हो गए.
 - असम का आग्रह था कि आज मैं यहां आ सकूं तो अच्छा होगा'.
 - पहले तो परंपरा ऐसी रही थी कि बड़े अवसरों पर दिल्ली का महात्मय ज्यादा रहता था, लेकिन हमारी सरकार के लिए हिंदुस्तान का हर कोना दिल्ली है.
 - आज सुबह देश के सबसे लंबे ब्रिज का लोकार्पण करने का मुझे सौभाग्य मिला.
 - एक ही दिन में करीब साढ़े 3 हजार करोड़ रुपया एक राज्य के अंदर आना सरकार की सोच को प्रतिबिंबित करता है.
 - हमने आज यह ब्रिज भी भूपेन हजारिका के नाम समर्पित कर दिया.
 - भूपेन हाजारिका जीवन भर ब्रह्मपुत्र के गीत गाते रहे.
 - पिछले कई सालों से पिछड़े वर्ग के लोग ओबीसी कमीश्ान चाहते थे.
 - हमने कानून पास करके ओबीसी लोगों के लिए संवैधानिक व्यवस्था दी.
 - आज मैं देश के नागरिकों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि आपने हम पर एक विश्वास रखकर पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई. एक प्रधान सेवक के रूप में मुझे कार्य करने का मौका दिया.
 - मैंने तीन साल में देखा कि आप सिर्फ वोट देकर हमें सत्ता में पहुंचाकर खो नहीं गए.
 - तीन साल में बड़े संतोष-गर्व के साथ देश के लोग हर कदम पर हमारे साथ चले.
 - कड़े से कड़े फैसले हमने लिए और सवा सौ करोड़ देशवासियों ने भरोसे को और मजबूत बनाया.
 - मैंने लाल किले से स्वच्छता-शौचालय की बात की. कहा गया कि ये कैसा प्रधानसेवक आ गया जो लाल किले से शौचालय की बात कर रहा है.
 - मैं जिस भूमि से आया हूं, जिस जिंदगी को जीकर निकला हूं... उससे इन चीजों की जिंदगी में क्या अहमियत होती है, इसे महसूस कर सकता हूं.
 - मैंने कहा था कि छोटे-छोटे लोगों के लिए बड़े-बड़े काम करके रहूंगा और ये मेरा इरादा है.
 - मैं देशवासियों का आभारी हूं कि स्वच्छता अभियान को लोगों ने अपना कार्यक्रम बना लिया. मीडिया ने भी सहयोग किया.
 - आजादी के बाद जनसमर्थन से शासन कैसे चल सकता है, इसके अनेक उदाहरण आपने देखे हैं.
 - हमारे देश में गैस सिलेंडर 9 या 12 देने को लेकर राजनेता उलझे हुए थे. वो भी एक वक्त था और ये भी एक वक्त है. आपने एक ऐसी सरकार बनाई, जिसने लोगों से गैस सब्सिडी छोड़ने को कहा. मैं उन एक करोड़ से ज्यादा परिवारों को नमन करता हूं, जिन्होंने गैस की सिब्सिडी छोड़ी और गरीब के घर में चूल्हा जला.
 - नोटबंदी बड़ा कठोर निर्णय था. लोग कहते हैं कि इतने बड़े कठोर निर्णय की कल्पना भी नहीं कर सकते. नेताओं ने देश में आक्रोष पैदा करने के लिए क्या कुछ नहीं किया.
 - अगर सरकार का इरादा नेक न होता तो इतने कड़े फैसले पर जिस तरह आग लगाने की कोशिश की गई थी, कितनी भी ताकतवर सरकार क्यों न हो, भस्म हो जाती. जनता कंधे से कंधा मिलाकर हमारे साथ खड़ी रही.
 - लोग मुझसे कहते हैं कि मोदी जी, आप थकते नहीं हो क्या.. इतना दौड़ते हो, काम करते हो, तो मैंने कहा कि सवा सौ करोड़ देशवासी मुझसे एक कदम आगे चलते हैं. उनकी ताकत मुझे काम करने की प्रेरणा देता है.
 - आज वक्त बदल चुका है. अब कुछ होने वाला नहीं, ऐसे ही चलेगा, का भाव खत्म हो चुका है. लोगों के दिलों में देश के आगे बढ़ने का विश्वास पैदा हुआ है.
 - जब सरकारी दफ्तर में लोग समय पर आने लगे तो मीडिया में सुर्खियां बन गई.
 - पहले सरकारें ऐसे चलती थी कि संसद में पारित हुआ कानून भी दफ्तर में फाइल के अंदर बंद हो जाता था.
 - अब देश के हर नागरिक में भ्रष्टाचार को लेकर गुस्सा है.
 - आज सवा सौ करोड़ देशवासी इस बात को अनुभव करते हैं कि देश में पहली बार ईमानदारी का अवसर आया है.
 - कुछ दिन पहले मुझे कुछ बच्चे मिले और मैंने उनसे युवाओं की सोच को लेकर उनकी राय जानी. उन्होंने कहा कि अब वक्त बदला है और हमारी पीढ़ी ईमानदारी से कुछ करना चाहती है.
 - लोगों को ईमानदारी के अवसर मिले, इसके लिए मुझे कष्ट झेलना पड़ता है.
 - मैं देश की जनता से वादा करके आया हूं और उस वादे को मैं पूरी तरह निभाऊंगा.
 - एक वक्त देश में कालेधन का कोहराम मचा हुआ था, आज देश में जनधन शब्द सुनाए देता है... उसकी चर्चा होती है. विदेशों में डिजिधन की बात होती है.
 - मैंने पहली मीटिंग में कालेधन के खिलाफ कदम उठाने का फैसला किया. कालाधन निकालकर गरीबों को देंगे. मैं इस वादे से कभी मुकरने वाला नहीं हूं.
 - नोटबंदी के बाद करीब 90 लाख से ज्यादा लोग ईमानदारी के अवसर से जुड़ गए, टैक्स देने के लिए सामने आए.
 - अभी सरकार ने किसी को कुछ कहा नहीं है, अभी तो मैं बस चीजें तैयार कर रहा हूं.
 - आजादी के बाद भी सरकारों की आदत जनता पर शक करने की रही, लेकिन पिछले तीन साल में आपने देखा होगा कि हमने हर काम में जनता पर भरोसा करने को प्राथमिकता दी है.
 - हमारी सरकार ने लोगों को खुद अपने दस्तावेज सत्यापित करने का अधिकार दिया. जनता पर भरोसा करना चाहिए.
 - दिल्ली में एक ऐसी सरकार है, जिसका खुद ईमानदारी पर विश्वास है.
 - आज देश में दुनिया के अंदर जो आईटी क्रांति आई है, हमारा देश उसमें पीछे रहने वाला नहीं है.
 - हमारे कदम गरीब से गरीब व्यक्ति को सशक्त करने वाले हैं.
 
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