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This Article is From Jul 11, 2016

एस्सार द्वारा कथित तौर पर मंत्रियों के फोन टैप करने संबंधी याचिका पर हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित

एस्सार द्वारा कथित तौर पर मंत्रियों के फोन टैप करने संबंधी याचिका पर हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित
प्रतीकात्मक फोटो
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
अटल, मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान किये गए थे यह फोन टैप
सुप्रीम कोर्ट के वकील सुरेन उप्‍पल ने मामले में दाखिल की है याचिका
फोन टैप किए जाने के मामले में पीएमओ अपना चुका है सख्त रुख
नई दिल्ली: वर्ष 2001 से साल 2006 तक अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान एस्सार कंपनी द्वारा कथित तौर पर मंत्रियों और उद्योगपतियों के फोन टैप किए जाने की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील सुरेन उप्पल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कोर्ट की निगरानी में SIT जांच की मांग की है।

सोमवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से ASG संजय जैन ने कहा कि ये शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में आई और इसके प्रारंभिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस को जांच करने को कहा गया है। इसके बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। उप्पल ने अपनी याचिका में एस्सार कंपनी के उच्च अधिकारियों, केंद्र सरकार, सीबीआई और बासित ख़ान को पक्ष बनाया है।

इससे पहले एस्सार कंपनी द्वारा कथित तौर पर  फोन टैप किए जाने के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय यानि पीएमओ  ने सख्त रुख अपनाया है। पीएमओ ने पूरे मामले में गृह मंत्रालय से रिपोर्ट तलब करते हुए जांच और कार्रवाई का साफ निर्देश दिया है।

गौरतलब है कि उप्पल ने 1 जून को प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर वाजपेयी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में शीर्ष नेताओं और उद्योगपतियों का फोन टैप किए जाने की शिकायत की थी। उनका दावा था कि एस्सार के पूर्व अधिकारी बासित खान ने उन्हें इस संबंध में जानकारी दी थी।

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