मनोरंजन उद्योग ने ली राहत की सांस, सख़्त नियमों के साथ शूटिंग को मिली हरी झंडी

आख़िरकार इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को भी राहत पहुंचाते हुए शूटिंग की इजाज़त सरकार की ओर से मिली है लेकिन सख़्त गाइडलाइन के साथ. जून के आख़िर तक शूटिंग शुरू होने की बात की जा रही है.

मनोरंजन उद्योग ने ली राहत की सांस, सख़्त नियमों के साथ शूटिंग को मिली हरी झंडी

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुंबई:

आख़िरकार इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को भी राहत पहुंचाते हुए शूटिंग की इजाज़त सरकार की ओर से मिली है लेकिन सख़्त गाइडलाइन के साथ. जून के आख़िर तक शूटिंग शुरू होने की बात की जा रही है. इंडस्ट्री से जुड़े तमाम लोग फ़ैसले से खुश हैं. लेकिन IFTDA ने गाइडलाइन्स में चंद बदलाव की मांग की है. मुंबई में लाइट, कैमरा और एक्शन को हरी झंडी मिल गयी है ! नॉन कन्टेनमेंट ज़ोन में इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को सरकार द्वारा जारी हुए सख्त नियमों का पालन करते हुए शूटिंग की इजाज़त मिल गयी है!  इंडियन फिल्म एंड टीवी प्रोडक्शन काउंसिल के चेयरमैन जेडी मजीठिया बता रहे हैं की इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री किस तरह से फिर से सेट पर उतरेगी!

आईएफटीपीसी चेयरमैन जेडी मजीठिया ने कहा ‘ किसी भी चीज़ को टेकेन फॉर ग्रांटेड लेने से काम नहीं चलेगा ! ये सबसे बड़ा सुरक्षा का कदम होगा. गेट से आया और गया .तब तक हर मुक़ाम पर सोशल डिस्टेंसिंग मास्क सैनेटाइज़िंग हाइजीन खाना. हर तरह का ध्यान रखा जायेगा. स्टूडियो साफ़ करना इक्विपमेंट क्लीन करना. मोबाइल को भी करेंगे उसी में लोगों को स्क्रिप्ट दी जाएगी पढ़ने के लिए ! और इम्युनिटी  बढ़ानी ज़रूरी है. हमने तय किया है हल्दी नमक निम्बू अदरक  का काढ़ा सबको पिलायेंगे दो बार. काफी प्रोड्यूसर से भी ये शेयर किया है. खुद भी पीता हूं. हर रोज़ कुछ नया सीखते जाएंगे. जितना बन पड़ेगा करेंगे.''

इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़े लोग शूटिंग को मिले ग्रीन सिग्नल के फैसले से राहत महसूस कर रहे हैं. ऐक्टर,अभिषेक गुप्ता ने बताया ‘लॉकडाउन में ख़ास तौर से इंडस्ट्री से जुड़े बहुत से ऐसे परिवार थे जिनपर आर्थिक रूप से संकट गहराया हुआ था उनको इससे उबरने का अच्छा मौक़ा मिलेगा चाहे वो टेक्नीकल टीम हो राइटर्स हों प्रोडूसर्स हों या फिर पोस्ट प्रोडक्शन से जुड़े लोग हों.''

निर्देशक,वैभव सिंह,  ने कहा  ‘सरकार ने जो ये फैसला किया है शूटिंग स्टार्ट करने का बहुत सराहनीय कदम है. इससे बहुत फायदे होंगे जो लोग रोज़ काम करते हैं रोज़ की कमाई के हिसाब से घर चलाते हैं. उनको बहुत फायदा होगा.'' प्रोड्यूसर्स, ब्रॉडकास्टर फेडरेशन की मीटिंग और सभी की भेजी गई एसओपी पर विचार करने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने गाइडलाइंस की ये लिस्ट तैयार की है.

गाइडलाइंस के मुताबिक, सेट पर केवल 33% क्रू मौजूद रहेगा, इसमें मेन कास्ट शामिल नहीं है.  फिक्शन और नॉन-फिक्शन शूट के लिए ऑडियंस को भी सेट पर आने की अनुमति नहीं होगी. सेट से जुड़ी हर चीज़ सेनिटाइज होगी. शूटिंग शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद भी सबकुछ फिर से सेनिटाइज़ किया जाएगा. हर सेट पर डॉक्टर, एम्बुलेंस और नर्स की मौजूदगी अनिवार्य . किसी भी प्रेगनेंट या फिर 65 साल से अधिक उम्र के कर्मचारी को सेट पर आने की इजाजत नहीं दी जाएगी. 

इधर इंडियन फिल्म एंड टेलीविज़न डायरेक्टर्स असोसिएशन (IFTDA) ने कुछ गाइडलाइन पर आपत्ति जताते हुए सरकार को लिखे अपने इस ख़त में अमिताभ बच्चन, परेश रावल, नसीरुद्दीन शाह, अनुपम खेर जैसे कई हस्तियों का ज़िक्र किया है जिनकी उमर 65 साल से ज़्यादा है और ये नयी गाइडलाइन इन्हें शूटिंग में शामिल होने की इजाज़त नहीं देती. वहीं मौजूदा दौर में जब अस्पताल डॉक्टर,नर्स और एम्बुलेंस की कमी झेल रहे हैं ऐसे में हर सेट पर इनकी मौजूदगी भी मुश्किल नज़र आती है. इसलिए इस ख़त के ज़रिए सरकारी गाइडलाइन में चंद बदलाव की मांग की गयी है!
 

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