
मिर्जा गालिब ने कहा था, 'इश्क पर जोर नहीं, ये वो आतिश गालिब, कि लगाए न लगे और बुझाए न बने.' यह प्रेम की वह चिंगारी है, जो दिलों में सुलगकर जिंदगी को रौशन कर देती है. जब यह आतिश बॉलीवुड के सुनहरे परदे पर उतरी, तो सिनेमाघरों में इश्क की धुन सुनने वालों की कभी आंखें नम हुईं तो कभी चेहरे पर मुस्कान दौड़ गई. आनंद बख्शी के शब्द, 'सोलह बरस की बाली उमर को सलाम, प्यार तेरी पहली नज़र को सलाम' उस पहली नजर के जादू और जवानी की मासूमियत को बयां करती है जिसमें कभी सैयारा के कृष और वाणी नजर आए तो कभी बॉबी के राज और बॉबी.
बॉलीवुड की प्रेम कहानियां सिर्फ कहानियां नहीं, बल्कि दिलों की धड़कन हैं, जो सादगी, मासूमियत और बलिदान से बुनी गई हैं. ये कहानियां समय की सीमाओं को तोड़कर, प्रेम की शुद्धता को जीवंत करती हैं. चाहे वह पहली मुलाकात की धड़कन हो या बिछड़ने का दर्द, ये कहानियां हर दिल को छूती हैं. आइए, उन अमर प्रेम कहानियों के सफर पर चलें, जिन्होंने दिलों पर राज किया और इतिहास रचा...
1. मेरा नाम जोकर (1970): दिल-ए-नादान
राज कपूर की आत्मकथात्मक फिल्म मेरा नाम जोकर एक जोकर की जिंदगी में प्रेम की मासूमियत को दर्शाती है। राजू (राज कपूर) की तीन अलग-अलग प्रेम कहानियां, जो बचपन, जवानी और अधेड़ उम्र में सामने आती हैं, दिल को छू लेती हैं. अपने समय में बॉक्स ऑफिस पर असफल रही आज सिनेमा की कल्ट फिल्म कहलाती है.
2. बॉबी (1973): बाली उमर का प्रेम
राज कपूर की बॉबी ने युवा प्रेम की मासूमियत को एक नया आयाम दिया. ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया की जोड़ी ने राज और बॉबी की कहानी को अमर बना दिया. ये फिल्म अमीर-गरीब के बीच की खाई को प्यार के पुल से जोड़ती है. गीत मैं शायर तो नहीं और हम तुम एक कमरे में ने इसकी लोकप्रियता को बुलंदियों पर पहुंचाया.
3. एक दूजे के लिए (1981): ये इश्क नहीं आसान
के. बालाचंदर की एक दूजे के लिए में कमल हासन और रति अग्निहोत्री ने एक ऐसी प्रेम कहानी पेश की, जो भाषा और संस्कृति की दीवारों को तोड़ती है. वासु और सपना की कहानी दुखद अंत के बावजूद प्रेम की मासूमियत की मिसाल है. इस फिल्म का असर कुछ ऐसा रहा कि कुछ प्रेमी युगल अपनी जान देने पर उतारू हो गए.
4. कयामत से कयामत तक (1988): रोमियो-जूलियट की देसी कहानी
मंसूर खान की कयामत से कयामत तक ने आमिर खान और जूही चावला की जोड़ी के साथ राज और रश्मि की प्रेम कहानी को दर्शकों के सामने पेश किया. यह फिल्म दो दुश्मन परिवारों के बीच पनपे प्रेम की कहानी है. पापा कहते हैं सॉन्ग तो आज तक सुना जा सकता है. इस ट्रेजिक अंत वाली फिल्म का आज भी कोई तोड़ नहीं.
5. मैंने प्यार किया (1989): पहला पहला प्यार
सूरज बड़जात्या की मैंने प्यार किया ने सलमान खान और भाग्यश्री को रातोंरात स्टार बना दिया. प्रेम और सुमन की यह कहानी दोस्ती से प्यार तक की मासूम यात्रा को दिखाती है. ये प्रेम कहानी परिवार और प्रेम के बीच संतुलन की बेमिसाल फिल्म है.
6. दिल (1990): बागी इश्क
माधुरी दीक्षित और आमिर खान की जोड़ी ने राजा और माधुरी की प्रेम कहानी से दिलों में जगह बनाई. यह फिल्म कॉलेज के दो युवाओं के बीच की प्रेम कहानी है जो नफरत से शुरू होती है और घनघोर इश्क में तब्दील हो जाती है. फिल्म का निर्देशन इंद्र कुमार ने किया. था
7. आशिकी (1990): प्रेम और संगीत का कॉकटेल
1990 का साल कुछ खास रहा है. महेश भट्ट की आशिकी ने राहुल रॉय और अनु अग्रवाल की जोड़ी के साथ प्रेम और संगीत के जादू का ऐसा कॉकटेल पेश किया कि युवाओं से लेकर हर उम्र के लोग इसमें डूब गए. ये आशिकी का ही जादू है कि इसका पार्ट 2 भी हिट रहा और अब पार्ट तीन की तैयारियां भी चल रही हैं.
8. दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995): मेरे ख्वाबों में जो आए...
आदित्य चोपड़ा की डीडीएलजे ने शाहरुख खान और काजोल की जोड़ी के साथ राज और सिमरन की प्रेम कहानी को दिलों में उतार दिया. ये फिल्म परिवार, परंपरा और प्रेम के बीच संतुलन को दर्शाती है. इसका जादू इस बात से ही समझा जा सकता है कि 30 साल से लगातार रोजाना इस फिल्म मुंबई के मराठा मंदिर में दिखाया जाता है.
9. मोहब्बतें (2000): प्रेम और अनुशासन
आदित्य चोपड़ा की मोहब्बतें ने शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय की तिकड़ी के साथ प्रेम और अनुशासन की कहानी को दिखाया. तीन जोड़ियों की प्रेम कहानियां इसे खास बनाती हैं. नई सदी का यह इश्क अपने आप में कुछ अनूठा था.
10. रहना है तेरे दिल में (2001): मीठा वाला प्यार
गौतम मेनन की रहना है तेरे दिल में में आर. माधवन और दिया मिर्जा ने मैडी और रीना के किरदार निभाए. फिल्म के गाने और एक्टिंग से लेकर कहानी आज भी युवाओं के दिलों पर राज करते हैं.
11. वीर-जारा (2004): सीमा पार का प्रेम
यश चोपड़ा की वीर-जारा कमाल की फिल्म है. इसमें भारत के शाहरुख खान यानी वीर और पाकिस्तान की प्रीति जिंटा यानी जारा की ऐसी प्रेम कहानी देखने को मिली जिसने आंखें नम कर दी. ये प्रेम कहानी दिखाती है कि किस तरह इश्क कहना आसान है, करना उतना ही मुश्किल.
12. नमस्ते लंदन (2007): एनआरआई वाला प्रेम
विपुल शाह की नमस्ते लंदन में अक्षय कुमार और कटरीना कैफ की जोड़ी ने जसमीत और अर्जुन को दर्शकों के सामने पेश किया. यह फिल्म भारतीय संस्कृति और पश्चिमी प्रभावों के बीच प्रेम की मासूमियत को दिखाती है.
13. रांझणा (2013): एकतरफा प्रेम की दास्तान
आनंद एल. राय की रांझणा में धनुष और सोनम कपूर की जोड़ी ने कुंदन और जोया की कहानी को जीवंत किया. यह एकतरफा प्रेम की मासूमियत और दर्द को दर्शाती है. इस फिल्म के अंत को हाल ही में एआई के जरिये बदला गया है और दुनिया छोड़ चुके कुंदन को दोबारा जिंदा किया गया है.
14. सैराट (2016): खेत खलिहानों वाली मासूम मोहब्बत
नागराज मंजुले की सैराट ने मराठी सिनेमा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. ये प्रेम कहानी जातिगत बंधनों को तोड़ती है, लेकिन इसका दुखद अंत दर्शकों को झकझोर देता है. इस फिल्म का जादू है कि इसे हिंदी में धड़क के नाम से बनाया गया.
15. सनम तेरी कसम (2016 और 2025): रिटर्न ऑफ लव
विनय सप्रू और राधिका राव की सनम तेरी कसम में हर्षवर्धन राणे और मावरा हुसैन की जोड़ी ने एक दुखद प्रेम कहानी को पेश किया. जब ये फिल्म रिलीज हुई तो फ्लॉप रही, लेकिन जब इसे 7 फरवरी 2025 को दोबारा रिलीज किया गया और इसने लगभग 50 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया.
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