रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के निगमीकरण से संबंधित मुद्दों पर ऑल इंडिया डिफेंस इंप्लाइज फेडरेशन, इंडियन नेशनल डिफेंस वर्कर्स फेडरेशन और भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के साथ बातचीत की. बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुई, जिसमें रक्षा मंत्री ने ओएफबी निगमीकरण पर संघों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को धैर्यपूर्वक सुना. संघों ने विभिन्न बिंदुओं मुख्य रूप से ओएफबी के प्रदर्शन में सुधार के लिए अंतिम अवसर की मांग करते हुए कुछ और वर्षों के लिए वर्तमान ढांचे में जारी रखना, आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 को अधिनियम में परिवर्तित नहीं करना, निगमीकरण के बाद ओएफबी कर्मचारियों की सेवा शर्तों की रक्षा करना और नई कॉर्पोरेट संस्थाओं के लिए काम का बोझ सुनिश्चित करना शामिल है.
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सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री राज कुमार ने स्पष्ट किया कि नई कॉर्पोरेट संस्थाएं 100 फीसदी सरकारी स्वामित्व वाली होंगी. सुझाव दिया कि विशिष्ट मुद्दों की पहचान करने के लिए कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ आगे की चर्चा विभाग के साथ जारी रहनी चाहिए, जिन्हें मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह के सामने-समय समय पर रखा जा सकता है.
गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि ओएफबी निगमीकरण के निर्णय को लागू करते समय कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी. उन्होंने संघों से विभाग के साथ चर्चा जारी रखने की अपील की और उनकी अध्यक्षता में मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह द्वारा सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा.
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