विज्ञापन
This Article is From Nov 30, 2017

नीतीश को सीएम पद के अयोग्य घोषित करने की याचिका पर चुनाव आयोग ने दिया हलफनामा

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर 2006 से 2015 के दौरान चुनावों में हलफनामों में हत्या का मामला दर्ज होने की जानकारी नहीं देने की आरोप

नीतीश को सीएम पद के अयोग्य घोषित करने की याचिका पर चुनाव आयोग ने दिया हलफनामा
नीतीश कुमार को पद के अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
चुनाव आयोग ने कहा, याचिका सुनवाई योग्य नहीं, खारिज की जाए
याचिका गलत तथ्यों पर आधारित, दी गई जानकारी गुमराह करने वाली
नीतीश ने 2012 और 2015 में बिहार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा
नई दिल्ली: नीतीश कुमार को बिहार सीएम के पद से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. आयोग ने कहा है कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, इसे खारिज किया जाए. आयोग ने कहा है कि याचिका तुच्छ है और गलत तथ्यों पर आधारित है. इसमें दी गई जानकारी गुमराह करने वाली है और यह अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग है.

चुनाव आयोग ने हलफनामे में कहा है कि नीतीश कुमार ने 2012 और 2015 में बिहार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था. इसी तरह उन्होंने 2013 में भी बिहार विधान परिषद (एमएलसी) का चुनाव नहीं लड़ा. लेकिन पता नहीं याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने कहां से नीतीश कुमार का चुनावी हलफनामा हासिल किया. इस मामले से याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं हुआ है और इस पर जनहित याचिका दाखिल नहीं की जा सकती. याचिकाकर्ता को शिकायत चुनाव याचिका या पुलिस को देनी चाहिए थी. यह याचिका खारिज की जाए और याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना लगाया जाए. सुप्रीम कोर्ट आठ दिसंबर को इस मामले की सुनवाई करेगा.

यह भी पढ़ें : हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप : मामला SC से पहुंचा चुनाव आयोग, नीतीश कुमार ने कहा- मैं इसमें क्या बोलूं

दरअसल नीतीश कुमार को बिहार के सीएम के पद से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया था. 23 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से चार हफ्ते में जवाब देने को कहा था.

VIDEO : जेडीयू नीतीश कुमार की

वकील एमएल शर्मा ने याचिका दाखिल कर कहा कि 2006 से 2015 के दौरान नीतीश कुमार ने हलफनामे में यह खुलासा नहीं किया कि 1991 में उन पर हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. याचिका में दावा किया गया है कि नीतीश कुमार ने अपने एफिडेविट में इस बात का जिक्र नहीं किया कि उनके नाम पर हत्या का मामला दर्ज है, लिहाजा नीतीश कुमार को सीएम पद के लिए अयोग्य घोषित किया जाए. याचिका में नीतीश कुमार के खिलाफ हत्या के मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की गई है. याचिका के अनुसार नीतीश कुमार अपने आपराधिक रिकॉर्ड को छुपाने के बाद संवैधानिक पद पर नहीं रह सकते हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: