चुनाव आयोग ने AIADMK का चुनाव चिह्न ‘दो पत्तियां’जब्त कर लिया है
नई दिल्ली:
शशिकला और पन्नीरसेल्वम का आपसी विवाद चुनाव आयोग में पहुंच गया है. पार्टी पर प्रभुत्व को लेकर कोई समझौता नहीं होने के कारण चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न ‘दो पत्तियां’को फिलहाल जब्त कर लिया है. अब दोनों विरोधी खेमे आर के नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए पार्टी के चुनाव चिह्न और इसके नाम के उपयोग नहीं कर सकते हैं.
हालांकि दोनों खेमों ने पार्टी के चुनाव चिह्न के उपयोग पर चुनाव आयोग की रोक पर ताज्जुब जताया और कहा कि वे इसे वापस पाने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे.
दिन भर की सुनवाई के बाद आयोग ने कहा कि अंतिम आदेश जारी करने के लिहाज से बहुत कम समय बचा है इसलिए वह अंतरिम आदेश जारी कर रहा है. आयोग का कहना है कि कुछ घंटों में इतने ज्यादा पेज और दलीलों को पढ़ना और उनके तथ्यों की जांच नहीं की जा सकती. पड़ताल करने के लिए वक्त चाहिए.
आयोग ने दोनों धड़ों से अपने-अपने नाम और फ्री सिंबल लिस्ट से चिह्न तय कर 23 मार्च सवेरे 10 बजे तक बताने को कहा है. आयोग फौरन उन्हें मान्यता दे देगा, ताकि चुनाव प्रक्रिया पर पार्टी में विवाद का कोई असर ना पड़े. इस सीट पर 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का आज गुरुवार को आखिरी दिन है.
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने एक बयान में कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष मजबूत सबूत प्रस्तुत करने के बावजूद उनकी पार्टी को चुनाव चिन्ह नहीं मिलना आश्चर्यजनक और निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि वे किसी भी कीमत पर चुनाव चिन्ह वापस लेकर रहेंगे.
जेल की सजा काट रही अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला के भतीजे दीनाकरण ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पहले भी इस तरह की स्थिति का सामना कर चुके हैं जब चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक संस्थापक एमजी रामचंद्रन की मौत के बाद वर्ष 1987 में पार्टी के चुनाव चिन्ह के उपयोग पर रोक लगा दी थी.
बता दें कि बुधवार को दोनों खेमों ने चुनाव चिह्न हासिल करने के लिए अपने पूरे जोर लगा दिए थे. शशिकला ग्रुप ने दो पूर्व कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोईली और सलमान खुर्शीद तथा पूर्व अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल मोहन पाराशरण को अपना पक्ष रखने के लिए चुनाव आयोग में खड़ा किया, जबकि पन्नीरसेल्वम की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन, एस कृष्णकुमार और बी श्रीनिवासन ने पक्ष रखा.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
हालांकि दोनों खेमों ने पार्टी के चुनाव चिह्न के उपयोग पर चुनाव आयोग की रोक पर ताज्जुब जताया और कहा कि वे इसे वापस पाने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे.
दिन भर की सुनवाई के बाद आयोग ने कहा कि अंतिम आदेश जारी करने के लिहाज से बहुत कम समय बचा है इसलिए वह अंतरिम आदेश जारी कर रहा है. आयोग का कहना है कि कुछ घंटों में इतने ज्यादा पेज और दलीलों को पढ़ना और उनके तथ्यों की जांच नहीं की जा सकती. पड़ताल करने के लिए वक्त चाहिए.
आयोग ने दोनों धड़ों से अपने-अपने नाम और फ्री सिंबल लिस्ट से चिह्न तय कर 23 मार्च सवेरे 10 बजे तक बताने को कहा है. आयोग फौरन उन्हें मान्यता दे देगा, ताकि चुनाव प्रक्रिया पर पार्टी में विवाद का कोई असर ना पड़े. इस सीट पर 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का आज गुरुवार को आखिरी दिन है.
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने एक बयान में कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष मजबूत सबूत प्रस्तुत करने के बावजूद उनकी पार्टी को चुनाव चिन्ह नहीं मिलना आश्चर्यजनक और निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि वे किसी भी कीमत पर चुनाव चिन्ह वापस लेकर रहेंगे.
जेल की सजा काट रही अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला के भतीजे दीनाकरण ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पहले भी इस तरह की स्थिति का सामना कर चुके हैं जब चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक संस्थापक एमजी रामचंद्रन की मौत के बाद वर्ष 1987 में पार्टी के चुनाव चिन्ह के उपयोग पर रोक लगा दी थी.
बता दें कि बुधवार को दोनों खेमों ने चुनाव चिह्न हासिल करने के लिए अपने पूरे जोर लगा दिए थे. शशिकला ग्रुप ने दो पूर्व कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोईली और सलमान खुर्शीद तथा पूर्व अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल मोहन पाराशरण को अपना पक्ष रखने के लिए चुनाव आयोग में खड़ा किया, जबकि पन्नीरसेल्वम की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन, एस कृष्णकुमार और बी श्रीनिवासन ने पक्ष रखा.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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