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This Article is From Jan 22, 2022

राजनीतिक रैलियों, रोड शो पर पाबंदी 31 जनवरी तक बढ़ी, चुनाव के पहले दो चरणों में मिलेगी ढील

चुनाव आयोग ने जब 8 जनवरी को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था, तब उसने एक हफ्ते के लिए रैलियों, रोडशो औऱ जनसभा पर पाबंदी लगाई थी, इसे बाद में 15 जनवरी को एक हफ्ते बढ़ाया गया था. हालांकि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब इसे 31 जनवरी तक लागू कर दिया गया है.

चुनाव आयोग ने राजनीतिक रैलियों और ऱोड शो पर पाबंदी बढ़ाई

नई दिल्ली:

चुनाव आयोग ने राजनीतिक रैलियों, रोड शो पर पाबंदी 31 जनवरी 2022 तक बढ़ा दी है. प्रतिबंध की यह समयसीमा 22 जनवरी को समाप्त हो रही थी. चुनाव आयोग ने जब 8 जनवरी को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था, तब उसने एक हफ्ते के लिए रैलियों, रोडशो औऱ जनसभा पर पाबंदी लगाई थी, इसे बाद में 15 जनवरी को एक हफ्ते बढ़ाया गया था. हालांकि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब इसे 31 जनवरी तक लागू कर दिया गया है. चुनाव आय़ोग ने डोर-टू-डोर प्रचार अभियान पर नए दिशानिर्देश दिए हैं. अब डोर टू डोर कंपेन में पांच की जगह दस लोग शामिल हो सकेंगे. हालांकि चुनाव आय़ोग ने पहले चरण वाली सीटों पर 28 जनवरी के बाद से रैलियां करने की छूट दे दी है. जबकि दूसरे चरण में जिन विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है, वहां एक फरवरी से रैलियों को लेकर भी ढील दे दी गई है. कोविड-19 के पालन के साथ सार्वजनिक स्थानों पर वीडियो वैन के भी इजाजत दे दी गई है. 

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चुनाव आयोग ने कहा है कि पहले दो चरणों के चुनाव को छोड़कर कहीं भी रोड शो, पद यात्रा, साइकिल यात्रा, रैली या जुलूस आदि नहीं निकाले जाएंगे. पहले दो चरणो में जिन सीटों पर चुनाव होना है, वहां रैलियां औऱ जनसभाएं हो सकती हैं, लेकिन इनमें अधिकतम 500 लोग ही शामिल हो सकते हैं या फिर जगह की 50 फीसदी क्षमता के बराबर लोग शामिल हो सकते हैं. यह छूट पहले चरण में 28 जनवरी से 8 फरवरी 2022 के बीच रहेगी, हालांकि मतदान के पहले जिन दो दिनों में चुनाव प्रचार पर रोक रहती है,वो जारी रहेगी.

वहीं दूसरे चरण में यह ढील 1 फरवरी से 12 फरवरी के बीच लागू रहेगी. निर्वाचन आयोग ने इनडोर मीटिंग के लिए भी पहले ही 300 तक लोगों के जमा होने या  आयोजनस्थल के 50 फीसदी क्षमता के बराबर लोगों के एकत्र होने की ढील दी है. हालांकि अधिकतम संख्या 300 मानी जाएगी. इन चरणों में यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं.

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Election Commission Guideline

माना जा रहा है कि चुनाव आयोग ने चुनावी रैलियों, रोड शो पर प्रतिबंध बढ़ाने का फैसला सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया है. इस मुद्दे पर चुनाव आयोग के अधिकारियों की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों, राज्यों के निर्वाचन अधिकारियों औऱ स्वास्थ्य महकमों के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. चुनाव आयोग यूपी, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब में कोविड टीकाकरण अभियान की भी लगातार समीक्षा कर रहा है. साथ ही यहां कोरोना के मामलों के ग्राफ पर भी उसकी नजर है. 

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उल्लेखनीय है कि यूपी में विधानसभा चुनाव सात चऱणों में होना है. जबकि मणिपुर में दो चरणों में विधानसभा चुनाव है. गोवा और उत्तराखंड में एक चरण में 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. जबकि पंजाब में पहले मतदान 14 फरवरी को ही होना था, जिसे अब बढ़ाकर 20 फरवरी को कर दिया गया है. संत रविदास जयंती को लेकर विभिन्न राज्यों ने चुनाव आय़ोग से पंजाब में विधानसभा चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था. इसके बाद चुनाव आयोग ने मतदान की तिथि बढ़ाई.

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