अमित शाह ने कैराना में घर-घर किया प्रचार, बिना मास्क दिखे, कोविड प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां

चुनाव आयोग ने सिर्फ पांच लोगों के साथ ही डोर-टू-डोर प्रचार की अनुमति दे रखी है. लेकिन शाह के साथ काफी भीड़ दिखा. इस दौरान वहां जबरदस्त सुरक्षा इंतजाम भी देखे गए. अमित शाह पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कैराना की तंग गलियों में घूमे.

कैराना:

यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly elections 2022) में शनिवार को उस वक्त सियासी पारा चढ़ता नजर आया जब गृह मंत्री अमित शाह पश्चिमी यूपी के कैराना सीट पर चुनाव प्रचार करने पहुंचे. पश्चिमी यूपी में पलायन के मुद्दे को लेकर सुर्खियों में रहे इस शहर में अमित शाह (Amit Shah) ने डोर-टू-डोर प्रचार किया. उन्होंने लोगों को बीजेपी (BJP) के लिए मतदान करने की अपील से जुड़े पर्चे बांटे और सबका अभिवादन भी किया. हालांकि इस दौरान अमित शाह ने मास्क नहीं लगा रखा था औऱ सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर चुनाव आयोग के नियम-कायदों की धज्जियां भी उड़ती दिखाई दीं.

चुनाव आयोग (Election Commission) ने सिर्फ पांच लोगों के साथ ही डोर-टू-डोर प्रचार की अनुमति दे रखी है. लेकिन शाह के साथ काफी भीड़ दिखा. इस दौरान वहां जबरदस्त सुरक्षा इंतजाम भी देखे गए. अमित शाह पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कैराना की तंग गलियों में घूमे. इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से जबरदस्त नारेबाजी भी देखने को मिली. अमित शाह साधु स्वीट शॉप के मालिक राकेश गर्ग की दुकान पर पहुंचे और उनसे बात की.

अमित शाह ने कहा कि हमने यहां के लोगों से बात की, उनमें सुरक्षा और आत्मविश्नास का भाव दिखा. लोगों ने कहा कि बेहतरीन कानून व्यवस्था के कारण वो अब सुकून से यहां रह रहे हैं. पलायन की बात करने वाले आज खुद कैराना से पलान कर गए हैं. 

ऐसा बताया जाता है कि कैराना से हिन्दुओं के पलायन के वक्त राकेश भी शहर छोड़कर चले गए थे, लेकिन अब वो यहां वापस लौट आए हैं. हालांकि अमित शाह ने कैराना में अपनी जनसभा को स्थगित कर दिया. शाह वहां से सीधा शामली में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल होने के लिए निकल गए. इस बैठक में पार्टी के बड़े नेता और चुनाव प्रभारी भी शामिल होंगे. 

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गौरतलब है कि पिछली बार यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पश्चिमी यूपी में शानदार जीत हासिल की थी. पार्टी को यहां ज्यादातर सीटों पर कामयाबी मिली थी, लेकिन किसान आंदोलन को लेकर पार्टी इस बार घर-घर मतदाताओं का दिल जीतने में पूरी ताकत झोंक रही है. अमित शाह के जमीनी प्रचार में उतरने को कार्यकर्ताओं में जोश भरने की ही रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.