नई दिल्ली:
भारतीय सेना में कार्यरत 8 डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। अपनी अपील में इन डॉक्टरों ने मांग की है कि उन्हें शुक्रवार को रिटायर किए जाने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। इसके साथ ही इन डॉक्टरों ने मांग की है उनके रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाए।
याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 31 मई 2016 को नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि केंद्र सरकार के विभागों में काम करने वाले डॉक्टर 65 साल की उम्र में रिटायर होंगे, लेकिन सेना में उन्हें 29 जुलाई को 58 साल की उम्र में रिटायर किया जा रहा है।
वहीं, इन डॉक्टरों का दावा है कि बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एनएसजी जैसे बलों में भी डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल कर दी गई है, लेकिन सेना में ये नहीं किया गया। इसलिए उनकी रिटायरमेंट पर रोक लगाई जाए और समानता के आधार पर रक्षा मंत्रालय के डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल की जाए।
इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है। शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई होगी।
याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 31 मई 2016 को नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि केंद्र सरकार के विभागों में काम करने वाले डॉक्टर 65 साल की उम्र में रिटायर होंगे, लेकिन सेना में उन्हें 29 जुलाई को 58 साल की उम्र में रिटायर किया जा रहा है।
वहीं, इन डॉक्टरों का दावा है कि बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एनएसजी जैसे बलों में भी डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल कर दी गई है, लेकिन सेना में ये नहीं किया गया। इसलिए उनकी रिटायरमेंट पर रोक लगाई जाए और समानता के आधार पर रक्षा मंत्रालय के डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल की जाए।
इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है। शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई होगी।
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