प्रतीकात्मक फोटो.
इम्फाल:
सरकार द्वारा 500 और 1,000 रुपये के नोट को बंद करने के बाद व्यवसाय चलाने के लिए पैसे नहीं होने का हवाला देते हुए मणिपुर में अखबारों ने अपने कार्यालय बंद कर दिए हैं. इसके परिणामस्वरूप शुक्रवार के बाद से मणिपुर में अखबार प्रकाशित नहीं होंगे.
कांग्ला पाओ दैनिक अखबार के मालिक व संपादक पाओनाम लबांगो मनगांग ने आईएएनएस को बताया कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती और पैसे की उपलब्धता नहीं हो जाती, तब तक कार्यालय बंद रहेंगे.
मनगांग ने कहा, "विज्ञापनदाताओं के पास 500 और 2,000 रुपये के नए नोट नहीं हैं और प्रबंधन ने बंद हुए नोटों को स्वीकार करने से मना कर दिया है."
भाजपा के वरिष्ठ नेता निमयचंद लुवांग के मुताबिक, "जनवरी में होने वाले चुनावों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा. प्रेस के बिना लोकतंत्र असम्भव है. कांग्रेस सरकार मुद्राओं की पर्याप्त संख्या में मांग करने में असफल रहा है. इसके अलावा अधिकांश बैंक सुरक्षा संबंधी चिंता के चलते नकदी नहीं चला रहे हैं."
मणिपुर के सभी अखबारों के प्रकाशक संघ और वितरकों द्वारा गुरुवार रात आयोजित एक आपात बैठक में अखबारों के कार्यालय को बंद करने का निर्णय लिया गया.
राज्य के संवाददाताओं ने भी 300 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल खरीद कर ड्यूटी के दौरान खबर की तलाश में इधर-उधर जाने में असमर्थता जताई. नागाओं द्वारा लगाए गए आर्थिक नाकाबंदी के चलते राज्य में स्कूल भी बंद हैं क्योंकि उनकी बसों के लिए ईंधन नहीं बचा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कांग्ला पाओ दैनिक अखबार के मालिक व संपादक पाओनाम लबांगो मनगांग ने आईएएनएस को बताया कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती और पैसे की उपलब्धता नहीं हो जाती, तब तक कार्यालय बंद रहेंगे.
मनगांग ने कहा, "विज्ञापनदाताओं के पास 500 और 2,000 रुपये के नए नोट नहीं हैं और प्रबंधन ने बंद हुए नोटों को स्वीकार करने से मना कर दिया है."
भाजपा के वरिष्ठ नेता निमयचंद लुवांग के मुताबिक, "जनवरी में होने वाले चुनावों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा. प्रेस के बिना लोकतंत्र असम्भव है. कांग्रेस सरकार मुद्राओं की पर्याप्त संख्या में मांग करने में असफल रहा है. इसके अलावा अधिकांश बैंक सुरक्षा संबंधी चिंता के चलते नकदी नहीं चला रहे हैं."
मणिपुर के सभी अखबारों के प्रकाशक संघ और वितरकों द्वारा गुरुवार रात आयोजित एक आपात बैठक में अखबारों के कार्यालय को बंद करने का निर्णय लिया गया.
राज्य के संवाददाताओं ने भी 300 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल खरीद कर ड्यूटी के दौरान खबर की तलाश में इधर-उधर जाने में असमर्थता जताई. नागाओं द्वारा लगाए गए आर्थिक नाकाबंदी के चलते राज्य में स्कूल भी बंद हैं क्योंकि उनकी बसों के लिए ईंधन नहीं बचा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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