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This Article is From Sep 18, 2018

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED की कार्रवाई, कर्नाटक के दिग्गज कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार सहित 3 पर केस

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दिग्गज कांग्रेसी नेता और कर्नाटक के पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार पर ईडी ने केस दर्ज किया है.

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED की कार्रवाई, कर्नाटक के दिग्गज कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार सहित 3 पर केस
कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार पर ईडी ने दर्ज किया केस.
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप मे कर्नाटक के दिग्गज कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने मनी लांड्रिग के आरोप में डीके शिवकुमार और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. कर्नाटक भवन के सहायक लाइजन अधिकारी अंजनैया हनुमंता और इसी भवन के पूर्व अधिकारी राजेंद्रन का नाम भी मुकदमे में शामिल किया गया है. आरोप के मुताबिक संबंधित अधिकारी डीके शिवकुमार का काला धन दिल्ली के कई फ्लैट में रखते थे. आयकर विभाग छापेमारी के दौरान आठ करोड़ से ज्यादा की धनराशि दिल्ली के ठिकानों से बरामद कर चुका है. आरोप के मुताबिक डीके शिवकुमार के निर्देश पर पैसे इधर-उधर भेजे जाते थे. सूत्र बताते हुए हैं कि पिछले वर्ष जब आयकर विभाग ने छापेमारी के दौरान रुपये बरामद किए थे तो डीके शिवकुमार उसका सोर्स नहीं बता सके थे. उस दौरान उन्होंने छापेमारी की इस कार्रवाई को बीजेपी की साजिश बताया था. कहा था कि बीजेपी उन्हें डराना चाहती है.

कर्नाटक : सबकुछ ठीक नहीं है गठबंधन सरकार में, मंत्रिपद को लेकर नाराज हैं कांग्रेसी

जदएस से गठबंधन को बता चुके कड़वा घूंट
डीके शिवकुमार का नाम कर्नाटक के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं में शुमार है. काफी पैसे वाले माने जाते हैं. जब पिछले वर्ष गुजरात में राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहे थे, उस वक्त  वहां के कांग्रेसी विधायकों को बीजेपी के पाले में जाने से रोकने के लिए  डीके शिवकुमार के कर्नाटक स्थित होटल में ठहराया गया था. उसी वक्त डीके शिवकुमार के ठिकानों पर छापेमारी होने पर सियासत गरमाई थी. इस बार जब कांग्रेस ने जनता दल सेक्युलर को समर्थन देकर सरकार बनाई तो डीके शिवकुमार ने नाराजगी जताई थी. उन्होंने बयान दिया था कि धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाने के वास्ते जदएस से हाथ मिलाने के लिए उन्हें कड़वा घूंट पीना पड़ा. शिवकुमार ने कहा कि 1985 से ही वह गौड़ा परिवार के खिलाफ लड़ते आ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं संसदीय चुनाव में सीनियर गौड़ा से हार गया था. उनके बेटे और बहु के खिलाफ चुनाव जीता. खूब राजनीति हुई. ढेर सारे मामलों से मैं दो चार हुआ लेकिन पार्टी और राष्ट्र के हित में हमें यहां धर्मनिरपेक्ष सरकार लाना है. यह राहुल गांधी का फैसला था.’’ 

वीडियो- कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री के ठिकानों पर दूसरे दिन भी आयकर विभाग के छापे
 

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