प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पर्यावरण प्रदूषण के मामले में एक केस दर्ज किया है. ये केस PMLA यानी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दर्ज किया गया है. शिकायत के आधार पर मैसर्स एग्रीबायोटेक इंडस्ट्रीज लिमिटेड, अजीतगढ़, सीकर, राजस्थान के प्रबंधन निदेशक गिरधर गोपाल बाजोरिया और आशुतोष बाजोरिया को आरोपी बनाया गया है. ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत दायर 2 आपराधिक शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की है.
राजस्थान की सीकर कोर्ट के आदेश पर ये मामला दर्ज किया गया है. मनी लॉन्ड्रिंग के तहत शुरू की गई जांच के दौरान पता चला कि मेसर्स एग्रीबायोटेक इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पास अल्कोहल और रेक्टिफाइड स्प्रिट के प्रतिदिन 45000 लीटर के उत्पादन की अनुमति थी. जबकि यह 65000 Ltrs से अधिक उत्पादन कर रहा था. ये काम दिसम्बर 2007 से जुलाई 2012 के बीच किया गया. इस अवधि में तमाम नियमों को तांक पर रखते हुए कंपनी ने 8 करोड़ रुपए कमाए.
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