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This Article is From Jan 18, 2018

EC आज करेगा त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान, समझें राजनीतिक स्थिति

चुनाव आयोग गुरुवार को त्रिपुरा, मेघायल और नगालैंड में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा. माना जा रहा है कि इन तीनों राज्यों में फरवरी में एक ही फेज में चुनाव कराए जा सकते हैं. इन तीनों राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें है. मेघालय विधानसभा का कार्यकाल 6 मार्च को, नगालैंड का 13 मार्च को और त्रिपुरा को 14 मार्च को खत्म हो रहा है.

EC आज करेगा त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान, समझें राजनीतिक स्थिति
त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान आज (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
इन तीनों राज्यों में फरवरी में एक ही फेज में चुनाव संभव
तीनों राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें है
मेघालय विधानसभा का कार्यकाल 6 मार्च को हो रहा है खत्‍म
नई दिल्ली: चुनाव आयोग गुरुवार को त्रिपुरा, मेघायल और नगालैंड में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा. माना जा रहा है कि इन तीनों राज्यों में फरवरी में एक ही फेज में चुनाव कराए जा सकते हैं. इन तीनों राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें है. मेघालय विधानसभा का कार्यकाल 6 मार्च को, नगालैंड का 13 मार्च को और त्रिपुरा को 14 मार्च को खत्म हो रहा है.

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किस राज्‍य में है किसकी सरकार 
मेघालय में कांग्रेस की सरकार है, त्रिपुरा में 1993 से माकपा की सरकार सत्‍ता में है और वहीं नगालैंड में नागा पीपुल्स फ्रंट की सरकार है और उसे बीजेपी का समर्थन हासिल है. 

त्रिपुरा:
राज्य में 60 सदस्यीय विधानसभा है और यहां पर सीपीएम के नेतृत्‍व वाली लेफ्ट की सरकार 1993 में सत्‍ता में हैं. यह देश में लेफ्ट का सबसे मजबूत गढ़ है और मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने अपना चौथा कार्यकाल पूरा किया. टीएमसी के छह और एक कांग्रेस विधायक के बीजेपी में शामिल होने के बाद से पार्टी मजबूत हुई है. वहीं बीजेपी राज्य में सरकार बनाने की संभावना तलाश रही है. इतना ही नहीं पार्टी सभी क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन बनाने की भी कोशिश कर रही है.

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मेघालय:
मेघालय विधानसभा में 60 सदस्यीय विधानसभा भी हैं जहां कांग्रेस ने मेघालय संयुक्त गठबंधन सरकार पिछले आठ वर्षों से सत्ता में है, इससे पहले कि मेघालय में बहुत सी राजनीतिक अस्थिरता दिखाई दी लेकिन दो बार से मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने कांग्रेस की सरकार को अस्थिर नहीं होने दिया. वहीं बीजेपी केंद्र में अपने गठबंधन सहयोगी और मणिपुर राष्ट्रीय लोक पार्टी के साथ सत्‍ता में आने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है. वहीं कांग्रेस के विधायकों और पूर्व मंत्री के एनपीपी, बीजेपी और अन्‍य स्‍थानीय पार्टियों में शामिल हुए हैं जिससे कांग्रेस के लिए मुकाबला कठिन कर दिया है. वहीं द पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने आगामी राज्य विधानसभा चुनाव वह अकेले लड़ेगी और कम से कम 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.

नगालैंड:
नगालैंड में भी 60 विधानसभा सीटें और यहां पर डेमोक्रेटिक एलायंस ऑफ नागालैंड के नेतृत्‍व वाली नागा पीपुल्‍स फ्रंट (एनपीएफ) की सरकार सत्‍ता में हैं. यहां बीजेपी एक जूनियर पार्टनर है. बीजेपी राज्य में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है क्योंकि कांग्रेस ने मुख्य विपक्षी दल के रूप में अपने जमीन खो दी है. पिछले एक साल में दो बार मुख्यमंत्री के बदलने से राजनीतिक संकट के रूप में देखा जा रहा है. एनपीएफ के भीतर आंतरिक झगड़े का बीजेपी फायदा उठाना चाहती है. पूर्व नागालैंड के मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद नीईफू रियो ने एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन किया है, जिसकी एनपीएफ के साथ गठबंधन तोड़ने और बीजेपी के साथ हाथ मिलाने की संभावना है. 

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