पूर्वोत्तर राज्यों असम और मेघालय में शुक्रवार की शाम 5.4 तीव्रता के भूकम्प के झटके महसूस किए गए। इससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
                                            
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                                        पूर्वोत्तर राज्यों असम और मेघालय में शुक्रवार की शाम 5.4 तीव्रता के भूकम्प के झटके महसूस किए गए। इससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
शिलांग स्थित क्षेत्रीय भूकम्प विज्ञान के अनुसार, भूकम्प शाम 6.11 बजे आया। असम का नगांव इसका केंद्र था।
असम के लगभग सभी जिलों में भूकम्प के झटके महसूस किए गए। झटके लगने के बाद असम के मुख्य शहर गुवाहाटी में कुछ मकानों में दरार देखे गए।
मेघालय में भूकम्प के झटकों से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। एक स्थानीय निवासी केस्टर थाबाह ने बताया, "हमारे अपार्टमेंट के दरवाजे लगभग 15 सेकंड तक हिलते रहे। घबराकर हम घर से बाहर निकल आए।"
इसी तरह एक व्यक्ति जॉन संगमा जो अपने दफ्तर से घर लौट रहा था, उसने बताया, "'लोग घबरा गए और अपने-अपने घर से बाहर की ओर दौड़ पड़े। दफ्तरों की इमारतें करीब 20 सेकंड तक हिलते रहे।"
पूर्वी खासी हिल्स जिले के उपायुक्त संजय गोयल ने बताया कि भूकम्प से किसी तरह की क्षति होने की खबर नहीं मिली है।
भूकम्प के हल्के झटके कोलकाता, उसके आसपास के जिलों और पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों में भी महसूस किए गए।
ज्ञात हो कि पूर्वोत्तर के सात राज्यों- असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर को भूकम्प की दृष्टि से विश्व का छठा संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।
इस क्षेत्र में 1897 में 8.7 तीव्रता का भूकम्प आया था। इस भयंकर भूकम्प में 1,600 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
                                                                        
                                    
                                शिलांग स्थित क्षेत्रीय भूकम्प विज्ञान के अनुसार, भूकम्प शाम 6.11 बजे आया। असम का नगांव इसका केंद्र था।
असम के लगभग सभी जिलों में भूकम्प के झटके महसूस किए गए। झटके लगने के बाद असम के मुख्य शहर गुवाहाटी में कुछ मकानों में दरार देखे गए।
मेघालय में भूकम्प के झटकों से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। एक स्थानीय निवासी केस्टर थाबाह ने बताया, "हमारे अपार्टमेंट के दरवाजे लगभग 15 सेकंड तक हिलते रहे। घबराकर हम घर से बाहर निकल आए।"
इसी तरह एक व्यक्ति जॉन संगमा जो अपने दफ्तर से घर लौट रहा था, उसने बताया, "'लोग घबरा गए और अपने-अपने घर से बाहर की ओर दौड़ पड़े। दफ्तरों की इमारतें करीब 20 सेकंड तक हिलते रहे।"
पूर्वी खासी हिल्स जिले के उपायुक्त संजय गोयल ने बताया कि भूकम्प से किसी तरह की क्षति होने की खबर नहीं मिली है।
भूकम्प के हल्के झटके कोलकाता, उसके आसपास के जिलों और पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों में भी महसूस किए गए।
ज्ञात हो कि पूर्वोत्तर के सात राज्यों- असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर को भूकम्प की दृष्टि से विश्व का छठा संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।
इस क्षेत्र में 1897 में 8.7 तीव्रता का भूकम्प आया था। इस भयंकर भूकम्प में 1,600 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
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