दिल्ली में रोडरेज के एक मामले में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के एक ड्राइवर की हत्या के विरोध में डीटीसी बसों के ड्राइवर हड़ताल पर हैं।
दिल्ली की सड़कों से बसें नदारद हैं, जिसके कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हफ्ते का पहला कारोबारी दिन होने के कारण यह परेशानी और ज्यादा है। सड़कों पर भारी भीड़ है और लोग बसों के इंतजार में घंटों खड़े दिखाई पड़ रहे हैं। फीडर बसों के जरिये लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा रहे हैं और मेट्रो स्टेशनों पर भी खासी भीड़ है। ऑटो रिक्शा के लिए मारामारी हो रही है।
डीटीसी के ड्राइवरों ने पीड़ित परिवार के लिए एक करोड़ रुपये मुआवज़े की मांग की है। हड़ताली ड्राइवरों का कहना है कि जब तक पीड़ित परिवार के लिए 1 करोड़ रुपये मुआवजे की घोषणा नहीं होती, वे अपनी हड़ताल वापस नहीं लेंगे।
रविवार को दिल्ली के मुंडका इलाके में डीटीसी की बस की एक बाइक से टक्कर हो गई थी, जिसके बाद बाइक सवार ने ड्राइवर को बुरी तरह से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी अशोक कुमार (डीटीसी) की लो-फ्लोर नॉन एसी बस चला रहा था। बस करमपुरा से बहादुरगढ़ जा रही थी। यह घटना सुबह करीब साढ़े नौ बजे की है।
जांच अधिकारियों का कहना है कि बस ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। मोटरसाइकिल चला रहा व्यक्ति और पीछे बैठी एक महिला दोनों गिर गए। इसके बाद ड्राइवर पर हमला किया गया। पुलिस के अनुसार बस का कोई यात्री या राहगीर ड्राइवर को बचाने के लिए आगे नहीं आया।
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि वह घटना के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंपेंगे। दिल्ली सरकार ने ड्राइवर के परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। सरकार ने कहा कि पीड़ित के परिवार के एक सदस्य को परिवहन विभाग में स्थायी नौकरी दी जाएगी।
रविवार को भी गुस्साए लोगों ने रोहिणी बस डिपो में जमकर प्रदर्शन किया था। रविवार देर शाम आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। (इनपुट एजेंसी से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं