नई दिल्ली:
रोडरेज की एक घटना में अपने साथी ड्राइवर के मारे जाने के विरोध में सोमवार से हड़ताल कर रहे दिल्ली परिवहन निगम यानी डीटीसी के कर्मचारियों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है। दिल्ली सरकार ने मृतक ड्राइवर के परिवार के लिए मुआवजे की रकम को पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दिया है, जिसके बाद हड़ताली कर्मचारी काम पर लौटने को राजी हो गए।
इससे पहले, दिल्ली सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर Essential Services Maintenance Act यानी एस्मा लगा दिया था और दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि अगर डीटीसी के कर्मचारी 3 घंटे में काम पर न लौटे तो उन पर कार्रवाई होगी।
दिन में राजधानी में सड़कों से डीटीसी बसों के नदारद रहने से पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करने वालों को लगातार दूसरे दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि आज सुबह से ही सरकार द्वारा 3,500 बसों के सड़कों पर उतरने का दावा किया जा रहा था, लेकिन यात्रियों के लिए यह संख्या पर्याप्त नहीं थी।
मेट्रो स्टेशनों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं और शहर के अलग-अलग हिस्सों से ऑटो चालकों की ओर से ज्यादा किराया लिए जाने की बातें भी सामने आईं।
मिलेनियम बस डिपो में हड़तालियों और दिल्ली पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई है। दरअसल दिल्ली पुलिस कर्मचारियों की मीटिंग का वीडियो बना रही थी, जिससे कर्मचारी नाराज हो गए।
गौरतलब है कि रविवार को रोडरेज में एक डीटीसी बस ड्राइवर की हत्या के विरोध में ये लोग हड़ताल पर हैं। पश्चिमी दिल्ली के मुंडका इलाके में एक युवक ने रविवार को 42 साल के बस चालक अशोक कुमार की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर थी। युवक की बाइक को बस से टक्कर लगने के बाद कहासुनी हुई और फिर यह घटना हुई। हड़ताली कर्मचारियों की मांग थी कि मारे गए ड्राइवर के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवज़ा और दोषियों को कड़ी सज़ा दी जाए।
इससे पहले, दिल्ली सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर Essential Services Maintenance Act यानी एस्मा लगा दिया था और दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि अगर डीटीसी के कर्मचारी 3 घंटे में काम पर न लौटे तो उन पर कार्रवाई होगी।
दिन में राजधानी में सड़कों से डीटीसी बसों के नदारद रहने से पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करने वालों को लगातार दूसरे दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि आज सुबह से ही सरकार द्वारा 3,500 बसों के सड़कों पर उतरने का दावा किया जा रहा था, लेकिन यात्रियों के लिए यह संख्या पर्याप्त नहीं थी।
मेट्रो स्टेशनों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं और शहर के अलग-अलग हिस्सों से ऑटो चालकों की ओर से ज्यादा किराया लिए जाने की बातें भी सामने आईं।
मिलेनियम बस डिपो में हड़तालियों और दिल्ली पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई है। दरअसल दिल्ली पुलिस कर्मचारियों की मीटिंग का वीडियो बना रही थी, जिससे कर्मचारी नाराज हो गए।
गौरतलब है कि रविवार को रोडरेज में एक डीटीसी बस ड्राइवर की हत्या के विरोध में ये लोग हड़ताल पर हैं। पश्चिमी दिल्ली के मुंडका इलाके में एक युवक ने रविवार को 42 साल के बस चालक अशोक कुमार की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर थी। युवक की बाइक को बस से टक्कर लगने के बाद कहासुनी हुई और फिर यह घटना हुई। हड़ताली कर्मचारियों की मांग थी कि मारे गए ड्राइवर के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवज़ा और दोषियों को कड़ी सज़ा दी जाए।
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