ड्रोन में कोरोना का टीका...सुनने में यह भले ही अटपटा लगे लेकिन पहली बार ये आज मुमकिन हुआ है. कोरोना का टीका आज पहली बार ड्रोन के ज़रिए पहुंचाया गया और मणिपुर से इसकी शुरुआत हुई. साउथ ईस्ट एशिया में पहली बार ड्रोन का आज कमर्शियल उपयोग किया गया. मणिपुर के विष्णुपुर से करांग तक सड़क से 26km की दूरी हवा के जरिए 15 km की हो गई और इसमें महज़ 12-15 मिनट में ICMR ने टीके पहुंचा दिए.मणिपुर के लोक टक झील होते हुए ICMR ने करांग आइलैंड पर ड्रोन के जरिए कोरोना का टीका सफलतापूर्वक पहुंचाया. पूरी तरह से भारत में बना ये ड्रोन ऑटोमैटिक मोड में उड़ा और जगह पर सही से पहुंचा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इस मौके पर खुशी का इज़हार करते कहा कि आज साउथ ईस्ट एशिया में पहली बार ड्रोन का कमर्शियल फ्लाइंग हुआ है. इसके लिए ICMR, मणिपुर गवर्नमेंट, टेक्निकल स्टाफ को बधाई. गौरतलब है कि मणिपुर के करांग इलाके की आबादी करीब 3500 की है, इसमें 30% को टीके के दोनों डोज लगाए जा चुके हैं. आने वाले वक्त में मणिपुर के दो और जिलों में ऐसे ड्रोन की मदद से टीका पहुंचाने की योजना है.
स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने बताया कि आज वैक्सीन पहुंचाई गई है. कल को इमर्जेंसी मेडिकल स्थिति में भी लाइफ सेविंग ड्रग्स को इसके जरिए पहुंचाया जा सकता है. पेस्टीसाइड और यूरिया का स्प्रे इससे हो सकता है. गौरतलब है कि टीकाकरण अभियान के तहत तमाम मुश्किल और उतार-चढ़ाव के बीच अब 100 करोड़ डोज का आंकड़ा भारत जल्दी ही छूने वाला है लेकिन अब मुश्किल रास्तों को आसान बनाने को लेकर तकनीक की भी मदद ली जा रही है.
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