रुस्तम-2 का बुधवार को पहली उड़ान भरी
नई दिल्ली:
देश में बने सबसे बड़े मानव रहित विमान ड्रोन 'रुस्तम-2' ने बुधवार को पहली बार उड़ान भरी. डीआरडीओ के बनाए गए इस ड्रोन का परीक्षण कर्नाटक के बंगलौर से 250 किलोमीटर दूरी पर चित्रदुर्गा में किया गया.
ये टोही व निगरानी क्षमता के साथ-साथ लक्ष्य पर सटीक मार करने में भी सक्षम है और इसकी रेंज करीब 250 किलोमीटर है. सिंथेटिक अपर्चर राडार होने के कारण ये बादलों के पार भी देख सकता है. इतना ही नहीं, 30 हजार फीट पर आसानी से ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है. रुस्तम-2 लक्ष्य पर सटीक मार करने में सक्षम है
इसकी तुलना दुनिया के उन बेहतरीन ड्रोन से की जा सकती है जिनकी क्षमता बहुत अधिक है. जानकार बताते हैं कि इसे अमरीकी ड्रोन प्रिडेटर की तर्ज पर विकसित किया गया है. दो टन वजनी इस ड्रोन की कई खासियत हैं. इसके डैने लगभग 21 मीटर लंबे हैं. यह 24 घंटे उड़ान भरने में सक्षम है.
ये दुश्मनों के इलाके में घुसकर टोह लेने, निगरानी रखने और लक्ष्य की पहचान करने उस पर हमला करने में भी सक्षम है. ये 500 किलोमीटर घंटे प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान तो भरेगा ही, साथ ही दुश्मन की नजर से भी बचा रहेगा. वजह है इसमें ऐसे सिस्टम लगे है जो दुश्मन की पकड़ में नही आएंगे. ये दिन के साथ-साथ रात में अपना काम कर सकता है. इसमें करीब वे सारी खूबियां हैं जो एक छोटे टोही विमान में होती हैं.
ये टोही व निगरानी क्षमता के साथ-साथ लक्ष्य पर सटीक मार करने में भी सक्षम है और इसकी रेंज करीब 250 किलोमीटर है. सिंथेटिक अपर्चर राडार होने के कारण ये बादलों के पार भी देख सकता है. इतना ही नहीं, 30 हजार फीट पर आसानी से ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है.
इसकी तुलना दुनिया के उन बेहतरीन ड्रोन से की जा सकती है जिनकी क्षमता बहुत अधिक है. जानकार बताते हैं कि इसे अमरीकी ड्रोन प्रिडेटर की तर्ज पर विकसित किया गया है. दो टन वजनी इस ड्रोन की कई खासियत हैं. इसके डैने लगभग 21 मीटर लंबे हैं. यह 24 घंटे उड़ान भरने में सक्षम है.
ये दुश्मनों के इलाके में घुसकर टोह लेने, निगरानी रखने और लक्ष्य की पहचान करने उस पर हमला करने में भी सक्षम है. ये 500 किलोमीटर घंटे प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान तो भरेगा ही, साथ ही दुश्मन की नजर से भी बचा रहेगा. वजह है इसमें ऐसे सिस्टम लगे है जो दुश्मन की पकड़ में नही आएंगे. ये दिन के साथ-साथ रात में अपना काम कर सकता है. इसमें करीब वे सारी खूबियां हैं जो एक छोटे टोही विमान में होती हैं.