
Ram shankar Katheria मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रहे
उत्तर प्रदेश में बीजेपी (UP BJP) का दलित चेहरा माने जाने वाले डॉ. रामशंकर कठेरिया (Dr. ram Shankar Katheria) दो बार आगरा और अब इटावा से सांसद हैं. वे लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं. उन्होंने बीजेपी के जिला मंत्री के तौर पर राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. कठेरिया आरएसएस (RSS) से प्रगाढ़ रिश्ते रहे हैं. कानपुर यूनिवर्सिटी से पीएचडी डॉ. कठेरिया ने 13 साल की उम्र से संघ प्रचारक के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था और संघ के विभाग प्रचारक पद तक पहुंचे. यूपी बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर भी पहले कई बार उनका नाम उछला था. इस बार उनका नाम केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में संभावित दावेदारों के तौर पर सामने आया है, जो यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पहले बड़ा फैसला हो सकता है.
कठेरिया को 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी के प्रचंड बहुमत के बाद भी केंद्रीय मंत्री बनाया गया था. कठेरिया नवंबर 2014 से 25 मई 2016 तक केंद्र सरकार में मानव संसाधन विकास मामलों के राज्य मंत्री रहे. तब उसे यूपी विधानसभा चुनाव में सोशल इंजीनियरिंग की कोशिश के तौर पर देखा गया था. हालांकि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में उन्हें जगह नहीं मिली थी. विरोधी कठेरिया के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को लेकर उन्हें घेरते रहे हैं.
इटावा में जन्मे कठेरिया बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं. 56 साल के कठेरिया की किताबें इटावा की बोलियां, दलित चेतना की आवश्यकता और सामाजिक एकता की आवश्यकता और दलित साहित्य और नई चुनौतियां प्रकाशित हो चुके हैं. आगरा यूनिवर्सिटी में दलित चेतना विषय के प्रोफेसर डॉ. कठेरिया राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आय़ोग के अध्यक्ष भी रहे हैं. मई 2020 में ही उनका कार्यकाल पूरा हुआ है.
बीजेपी में उनका कद तेजी से बढ़ा. अगस्त 2014 में उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया औऱ छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में वो प्रभारी भी रहे. लंबे समय से कयास लगाए जाए रहे थे कि उन्हें यूपी विधानसभा चुनाव से पहले अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है.