
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डोकलाम पर हम नजर बनाये हुए है. सेना के आईएमए ने रक्षा मंत्री ने ये भी कहा कि चीन से लगी सरहद पर सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है्. इससे पहले चीन में भारत के राजदूत ने कहा था अगर चीन सीमा पर यथास्थिति में बदलाव करने की कोशिश करता है तो नतीजे अच्छे नही होंगे.
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चीन ने अगर भारतीय सरहद की ओर आंख उठाकर देखा तो उसके लिए नतीजे ठीक नहीं होंगे. ये संदेश रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया है. वह देहरादून में एक कार्यक्रम में बोल रही थीं, जिसमें थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि भारत हर परिस्थिति के लिए तैयार है. हम पूरी तरह से अलर्ट भी हैं और हम अपनी प्रादेशिक अखंडता को बरकरार रखेंगे.
भारत, चीन और भूटान की सरहद पर डोकलाम में पिछले साल क़रीब सत्तर दिन तक भारत और चीन की सेनाएं आमने सामने खड़ी रहीं. सरकार के मुताबिक, अब हालात ठीक हैं लेकिन सवाल फिर भी बने हुए हैं. चीन इस इलाके मे सड़क, हैलीपैड का निर्माण कर रहा है और अपना बुनियादी ढांचा दुरुस्त कर रहा है.
डोकलाम इलाके में हेलीपैड, अन्य सुविधाओं का निर्माण कर रहा है चीन : निर्मला सीतारमण
इससे पहले शनिवार को चीन में भारत के राजूदत गौतम बंबावले ने कहा कि अगर चीन भारतीय सीमा पर यथास्थिति में कोई बदलाव करने की कोशिश करता है तो फिर डोकलाम जैसे हालात पैदा हो सकते है. उन्होंने ये भी कहा कि सरहदी इलाकों में विवाद से बचने के लिए बेहतर ये होगा कि चीन किसी भी निर्माण से पहले भारत को बताए कि वो क्या करने जा रहा है.
चीन का रक्षा बजट भारत से लगभग चार गुना है लेकिन सरकार के मुताबिक इसका हल वो सेना के आधुनिकीकरण से निकालने जा रही है. हफ्ते भर पहले ही रक्षा मामलों की संसदीय कमेटी ने जानकारी दी थी कि सेना के 68 फीसदी हथियार पुराने पड़ चुके हैं. ऐसे में रक्षा तैयारियों से जुड़े रक्षामंत्री के दावे पर सवाल भी उठ रहे हैं.
VIDEO: डोकलाम में फिर चीनी सैनिक तैनात
चीन में भारतीय राजदूत गौतम बंबावले ने कहा कि अगर चीन भारतीय सीमा पर यथास्थिति में कोई बदलाव करने की कोशिश करता है तो फिर डोकलाम जैसे हालात पैदा हो सकते है. सरहदी इलाकों में विवाद से बचने के लिए बेहतर ये होगा कि चीन किसी भी निर्माण से पहले भारत को बताए कि वो क्या करने जा रहा है.
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चीन ने अगर भारतीय सरहद की ओर आंख उठाकर देखा तो उसके लिए नतीजे ठीक नहीं होंगे. ये संदेश रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया है. वह देहरादून में एक कार्यक्रम में बोल रही थीं, जिसमें थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि भारत हर परिस्थिति के लिए तैयार है. हम पूरी तरह से अलर्ट भी हैं और हम अपनी प्रादेशिक अखंडता को बरकरार रखेंगे.
भारत, चीन और भूटान की सरहद पर डोकलाम में पिछले साल क़रीब सत्तर दिन तक भारत और चीन की सेनाएं आमने सामने खड़ी रहीं. सरकार के मुताबिक, अब हालात ठीक हैं लेकिन सवाल फिर भी बने हुए हैं. चीन इस इलाके मे सड़क, हैलीपैड का निर्माण कर रहा है और अपना बुनियादी ढांचा दुरुस्त कर रहा है.
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इससे पहले शनिवार को चीन में भारत के राजूदत गौतम बंबावले ने कहा कि अगर चीन भारतीय सीमा पर यथास्थिति में कोई बदलाव करने की कोशिश करता है तो फिर डोकलाम जैसे हालात पैदा हो सकते है. उन्होंने ये भी कहा कि सरहदी इलाकों में विवाद से बचने के लिए बेहतर ये होगा कि चीन किसी भी निर्माण से पहले भारत को बताए कि वो क्या करने जा रहा है.
चीन का रक्षा बजट भारत से लगभग चार गुना है लेकिन सरकार के मुताबिक इसका हल वो सेना के आधुनिकीकरण से निकालने जा रही है. हफ्ते भर पहले ही रक्षा मामलों की संसदीय कमेटी ने जानकारी दी थी कि सेना के 68 फीसदी हथियार पुराने पड़ चुके हैं. ऐसे में रक्षा तैयारियों से जुड़े रक्षामंत्री के दावे पर सवाल भी उठ रहे हैं.
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चीन में भारतीय राजदूत गौतम बंबावले ने कहा कि अगर चीन भारतीय सीमा पर यथास्थिति में कोई बदलाव करने की कोशिश करता है तो फिर डोकलाम जैसे हालात पैदा हो सकते है. सरहदी इलाकों में विवाद से बचने के लिए बेहतर ये होगा कि चीन किसी भी निर्माण से पहले भारत को बताए कि वो क्या करने जा रहा है.
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